झांसी जनपद का गजेटियर बने उच्च श्रेणी का- अविनाश कुमार

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिला प्रशासन ने जनपद का गजेटियर उच्च श्रेणी का बनाने के लिए बुधवार को आयोजित बैठक में मंथन किया।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित सभागार में जिला गजेटियर समिति की बैठक आहूत की गयी, जिसमें कुमार ने कहा कि झांसी का गजेटियर वर्ष 1874 में बने होने के कारण शासन के उच्च निर्देशों के अनुपालन में गजेटियर को पुनः लिखा जाना है। गजेटियर एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं का वर्णन करता है, इसके इतिहास से संबंधित है और इसमें रहने वाले लोगों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन पर चर्चा करता है। यह इस प्रकार प्रशासक के लिए एक गाइड, आम जनता के लिए एक संदर्भ पुस्तक और विशेषज्ञ के लिए जानकारी का एक स्रोत के रूप में कार्य करता है।
जिलाधिकारी ने जनपद का गजेटियर उच्च श्रेणी का तैयार करने हेतु अध्यायवार नोडल अधिकारी के साथ विषय विशेषज्ञ एवं जनपद के संबंध में जानकारी रखने वाले प्रबुद्धजनों, साहित्यकारों, विश्वविद्यालय एवं डिग्री कॉलेजों के प्रोफेसर को जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जनपद का गजेटियर उच्च श्रेणी का तैयार हो सके इसके लिए इतिहास, कला और संस्कृति आदि जिसकी गजेटियर में अहम भूमिका होती है के लिए समिति का गठन किया जाए। जिसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, इतिहासकार एवं संस्कृति के मर्मज्ञ लोगों को जोड़ा जाए।
शासन स्तर पर गजेटियर तैयार करने हेतु गठित समिति में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदस्य, मुख्य विकास अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। इसी क्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा नामित अपर जिला न्यायाधीश, प्रभागीय वनाधिकारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड पीडब्ल्यूडी एवं सिंचाई, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक, समाज कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी एवं जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य अधिकारी, विषय विशेेषज्ञ, गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त नोडल अधिकारी प्रत्येक 15 दिवस में वर्किंग कमेटी की बैठक करते हुए प्रगति आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा किजनपद का गजेटियर प्रदेश में उच्च कोटि का हो इसके लिए जिन जनपदवासियों के पास अभिलेखीय दस्तावेज उपलब्ध है तथा लेखन कार्य में सहयोग करना चाहते है उनका स्वागत है। वे समिति के समक्ष अपने सुझाव एवं दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते है। बैठक में विशेष रूप से हरगोविंद कुशवाहा उपाध्यक्ष अखिल भारतीय बौद्ध संस्थान लखनऊ उपस्थित रहे।