किसानों को किया आगाह-हो सकता टिड्डी दल का हमला
जौनपुर। एक बाद एक मुसीबत ने दुनिया का जीना मुहाल किया हुआ है। एक तो बीमारियों ने देश को पूरी तरह झकझोर दिया है। हर कोई हैरान परेशान है। ऊपर से दैविक का आपदा भी निरंतर अपना कहर बरपा रही है। अब आशंका जताई जा रही है कि टिड्डी दल का हमला किसानों को भी परेशान कर सकता है। अब किसानों की चिंता भी बढ़ने जा रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में जौनपुर के जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय ने कहा है कि टिड्डियो का प्रकोप किसानों की फसलों के लिए महामारी का होता है। गत वर्ष की तरह इनके प्रकोप को देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है ।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय ने कहा है कि राजस्थान में टिड्डी दलों के आक्रमण की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसी स्थिति में इलाज से पूर्व बचाव बेहतर की अवधारणा के दृष्टिगत किसान टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी रखें ताकि किसी भी स्तर पर इनके प्रकोप होने पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने सलाह दी है कि टिड्डियों के आने पर एक साथ एकत्र होकर तत्काल टिन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाएं।
आवाज सुनकर टिड्डी दल फसलों पर आक्रमण नहीं कर पाएंगे। बलुई मिट्टी टिड्डियों के प्रजनन एवं अंडे देने के लिए सर्वाधिक अनुकूल होती है, इसलिए ऐसे क्षेत्रों में जोताई करके संभव हो तो पानी भरवा दें।
जिला कृषि अधिकारी अमित कुमार चौबे ने कहा कि पिछले साल नियंत्रण के लिए अग्निशमन यंत्र, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर, नगर निकायों में छिड़काव यंत्र, रसायनों के छिड़काव में काफी उपयोगी रहे। नियंत्रण के लिए प्रशासन के माध्यम से इनका प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि कम प्रकोप की दशा में किसान एक साथ मिलकर रसायन क्लोरपाइरफास 20 फीसद ईसी अथवा लैम्डासाइहैलोथ्रिन पांच फीसद ईसी अथवा मैलाथियान 50 फीसद या डेल्टामेथ्रिन 2.8 फीसद का छिड़काव करें।