पराली जलाने पर किसानों पर लगाया जुर्माना
सिरसा, हरियाणा के सिरसा जिला में हरसक के माध्यम से विभिन्न गांवों में फसल के अवशेष में आग लगाए जाने को लेकर संबंधित किसानों पर 32 हजार 500 रुपये जुर्माना किया गया है। जिलाधीश पार्थ गुप्ता ने दण्ड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत धान कटाई के बचे हुए अवशेष यानी पराली जलाने को पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। फसलों के अवशेष जलाना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 तथा संगठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 का उल्लंघन है ।
इस बारे में जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि डॉ. बाबूलाल ने बताया कि गत 23 अक्टूबर को हरसक द्वारा गांव दादू में 02, फरमाई में 01 व पनिहारी में 01 लोकेशन प्राप्त हुई थी। गत 24 अक्टूबर को हरसक द्वारा गांव दादू में 01, देसू मलकाना में 01, तख्तमल में 01, जोगेवाला में 01, फग्गू में 02, जोधकां में 01, मोचीवाली में 01 व रोड़ी में 01 लोकेशन प्राप्त हुई थी, जिस पर कार्यवाही करते हुए कुल 32 हजार 500 रुपये जुर्माना किया गया है। इसके अतिरिक्त 23 अक्टूबर को मलड़ी गांव की पराली की आगजनी की घटना पर पुलिस शिकायत की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में किसानों को पराली प्रबंधन के लिए उपकरणों पर सब्सिडी तथा विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए गांव स्तर पर टीमें बनाई गई है, जो लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने किसानो से आग्रह किया कि वे धान की पराली को आग न लगाकर पराली का उचित प्रबंधन करें ताकि पराली जलाने से वातावरण में प्रदूषण से बचा जा सके। पराली को जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है तथा जमीन के सूक्षम जीव भी खत्म हो जाते है। पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को किसान के खेत से पराली उठाने के लिए परिवहन प्रोत्साहन राशि 500 रुपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति गौशाला दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को खेत में धान की पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठे बनाने के लिए भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।