किसानों ने जलाई बाजरे और गन्ने की होली- केंद्र पर लगाए यह बड़े आरोप
संभल। केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उतरे भारतीय किसान यूनियन असली से जुड़े किसानों ने गन्ने एवं बाजरे की फसल की होली जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने केंद्र सरकार के ऊपर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि बाजरे की खरीद के लिए सरकार की ओर से अभी तक क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं और गन्ने का भाव भी सुनिश्चित कर डिक्लेअर नहीं किया गया है।
रविवार को नखासा के गांव भदरोला में इकट्ठा हुए भारतीय किसान यूनियन असली के कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी चौधरी संजीव गांधी की अगुवाई में पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत गन्ने एवं बाजरे की होली जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों को गुमराह करते हुए उन्हें लागत से दोगुनी आमदनी दिलाने की बात कह रही है, मगर सरकार की ओर से अभी तक किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य भी नहीं मिल सका है।
शुगर मिलों में किसानों से खरीदे जा रहे गन्ने को बिना निर्धारित दाम की ही खरीदा जा रहा है। जिसके चलते किसानों को बिना मूल्य की पर्चियां दी जा रही है। इतना ही नहीं शुगर मिलों को शुरू हुए तकरीबन 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन 14 दिन के भीतर किसानों को गन्ने का भुगतान कराने की बात कहने वाली सरकार अभी तक गन्ने का दाम निर्धारित कर उसे डिक्लेअर भी नहीं कर सकी है।
इसी तरह बाजरे की फसल को किसान साहूकारों के यहां बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार ने बाजरे की फसल की खरीदारी के लिए कहीं भी क्रय केंद्र स्थापित नहीं किए हैं, इसलिए साहूकार ओने पौने दामों पर किसान के बाजरे की खरीद कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक संगठन की मांगों को पूरा करते हुए गन्ने का भाव 500 रूपये प्रति कुंटल डिक्लेअर नहीं किया जाता है उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।