चमत्कार से सब हैरान- समुद्र में डूबे बच्चे की गणेश मूर्ति के सहारे....

चमत्कार से सब हैरान- समुद्र में डूबे बच्चे की गणेश मूर्ति के सहारे....

सूरत। आमतौर पर कहा जाता है कि इंसान की किस्मत जब सामने होती है और उसे ईश्वर का सहारा होता है तो बड़ी से बड़ी विपत्ति को भी वह मात देकर सकुशल जिंदा वापस लौट आता है। समुद्र के किनारे घूमने गया बालक गणेश मूर्तियों के हो रहे विसर्जन को देखने के लिए गहरे पानी तक चला गया। परिवार के लोग उसे अगले दिन तक ढूंढते रहे लेकिन कहीं नहीं मिलने पर उन्होंने मरा समझकर उसका शोक मनाना शुरू कर दिया। लेकिन अचानक हुए चमत्कार के चलते बच्चा जिंदा घर वापस लौट आया है।

दरअसल सूरत के स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र लखन मंदिर में दर्शन के लिए डोम्स समुद्र तट पर चला गया था। लखन नाम का यह बच्चा वहां हो रहे गणेश मूर्तियों के विसर्जन को देखने के लिए समुद्र तट पर पहुंचने के बाद गहरे पानी तक चला गया।

जैसे ही परिजनों को उसके गहरे पानी में जाने का पता चला तो वह उसे अगले दिन तक समुद्र में नाव के सहारे तलाशते रहे। लेकिन बच्चा कहीं भी नहीं मिला। परिवारजनों समेत आसपास के लोगों ने भी समझ लिया कि बच्चा अब जिंदा नहीं बचा है। सौभाग्य से इसके बाद चमत्कार हुआ और लखन को गहरे समुद्र में श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जित की गई गणेश मूर्तियों का सहारा मिल गया।

समुद्र के भीतर डूबा बालक 24 घंटे तक श्रद्धालुओं द्वारा पानी में विसर्जित की गई गणेश मूर्ति को पकड़े रहा। तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर लखन समुद्र में लहरा रहा था। इसी दौरान मछली पकड़ने वाली नाव नवदुर्गा जब वहां से होकर गुजरी तो लखन ने आवाज लगाते हुए मदद के लिए हाथ हिलाया। जिसे नाव में सवार होकर मछली पकडने जा रहे मछुआरों ने देख लिया और वह तुरंत मौके पर पहुंच गए और पानी में गणेश मूर्ति का सहारा लिए लखन को पकडकर अपनी नाव में बैठा लिया। मछुआरों द्वारा बालक को बंदरगाह पर लाया गया।

तट पर पहुंचने से पहले ही मछुआरों द्वारा पुलिस को सूचना दे दी गई थी। जिसके चलते नाव के तट पर पहुंचने से पहले ही वहां पर पहुंची एंबुलेंस तुरंत बालक को अस्पताल ले गई। बच्चे को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवारजनों को जब इसकी सूचना दी गई तो बालक की मौत का मातम मना रहे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। सभी खुशी के मारे दौडे दौडे अस्पताल पहुंचे तब कही जाकर 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिल सका।



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