शिक्षा विभाग ने कोरोना की चुनौती को अवसर में बदला: शिक्षा सचिव
चंडीगढ़। पंजाब सरकार को पिछले छह महीनों से कोविड -19 के कारण मजबूरी में स्कूल बंद रखने के बावजूद शिक्षा विभाग और अध्यापकों ने इस चुनौती को अवसर में बदला है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने आज यहां कहा कि कोरोना संकट से बचाने के लिये सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए स्कूल बंद रखने को मजबूर होना पड़ा । फिर भी विभाग ने इस महामारी के दौरान नयी पहलकदमियां करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में नये रास्ते निकाले हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि विभाग कोरोना के मद्देनजर सावधानी की पालना करते हुये 'मिशन शत प्रतिशत', 'स्मार्ट स्कूल, 'अंग्रेज़ी माध्यम', 'ईच वन, बरिंग वन', 'घर बैठे शिक्षा' और 'पंजाब अचीवमेंट सर्वेक्षण' जैसे अपने बहुत सी कामों को उत्साह से पूरा कर रहा है। गुरु तेग़ बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के सम्बन्ध में पाठ पुस्तकों के वितरण, मिड डेय मिल आदि जैसे कार्यों के अलावा एक सांझे आंदोलनों के द्वारा जन लहर शुरू करके माता-पिता ख़ास करके समूचे लोगों के साथ सामाजिक जड़ों को मज़बूत बनाया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि अब सरकारी स्कूलों में जनता ने विश्वास जताना शुरू कर दिया है। इस साल तकरीबन 3.45 लाख विद्यार्थियों के दाखि़ले में विस्तार हुआ है जिनमें से 1.50 लाख से अधिक विद्यार्थी प्राईवेट स्कूलों छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए हैं। सार्वजनिक धारणा में तबदीली के कारण बुनियादी ढांचागत सहूलतें और मानक शिक्षा भी है जो समर्पित अध्यापकों के द्वारा मुहैया करवाई जा रही।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि अब विभाग के सामने चुनौती उन माता-पिता की उम्मीदों और इच्छाओं को पूरा करना है जो अपने बच्चों को अंग्रेज़ी भाषा पढ़ाने के लिए प्राईवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में लाये हैं। ग्रामीण पृष्टभूमि के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अनुकूल वातावरण मुहैया करवाया जायेगा। मातृभाषा पंजाबी के साथ साथ उनमें अंग्रेज़ी भाषा की निपुण्ता पैदा की जायेगी ।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि फीडबैक के अनुसार बहुत से माता पिता यह उम्मीद करते हैं कि सरकारी स्कूल एक ऐसा वातावरण प्रदान करें जहाँ उनके बच्चे अच्छी तरह अंग्रेज़ी बोल सकें । सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के माता-पिता की उम्मीदों और इच्छाओं को ध्यान में रखते हुये हमारे मेहनती अध्यापकों ने 'इंगलिस बूस्टर क्लब' (ई.बी.सी.) नाम की एक अन्य नयी पहलकदमी की है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि ई.बी.सी. बढिय़ा वातावरण प्रदान करेगा जहाँ हमारे सभी विद्यार्थी और अध्यापक भाग ले सकते हैं और ज्ञान सांझा कर सकते हैं। इसमें ज्यादा ध्यान हर किस्म की झिझक को दूर करने पर दिया जायेगा । उन्होंने उम्मीद जताई कि अध्यापकों का यह प्रयास भी 'स्वागत जि़ंदगी' और कई अन्य प्रयासों की तरह अच्छे नतीजे लायेगा।
वार्ता