आर्थिक तंगी से परेशान पिता ने 2 पुत्रियों का काम तमाम कर खुद भी दी जान

गोरखपुर। कैंसर से हुई पत्नी की मौत के बाद आर्थिक तंगी को लेकर बुरी तरह से परेशान चल रहे सिलाई कारीगर ने अपनी दो बेटियों के साथ खुद भी आत्महत्या कर ली है। परिवार के 3 लोगों के शव घर के भीतर लटके हुए मिलने से आसपास के लोगों में बुरी तरह से अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की छानबीन करते हुए फॉरेंसिक टीम के माध्यम से मौके से साक्ष्य इकट्ठा कराए हैं। पुलिस ने तीनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।

मंगलवार को गोरखपुर के घोसीपुरवा मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव तथा उसकी दो बेटियों के शव कमरे के भीतर फांसी से लटके हुए मिलने से आसपास के लोगों में बुरी तरह से हड़कंप मच गया। मूल रूप से बिहार के सीवान जनपद के गुठनी के रहने वाले 64 वर्षीय ओम प्रकाश श्रीवास्तव फिलहाल घोसीपुरवा में मकान बनाकर 15 साल से अपने परिवार के साथ रह रहे थे। उनके दोनों बेटों के बीच बंटवारा हो चुका है जिसके चलते दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। पिता ओमप्रकाश के साथ रहकर सिलाई का काम करने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव की पत्नी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। उपचार में ज्यादा खर्च होने की वजह से जितेंद्र और उसका परिवार आर्थिक तंगी के हालातों में डूब गया।

आजीविका चलाने के लिए जीतेंद्र सिलाई का काम कर रहा था और उसके पिता गार्ड की नौकरी करते हैं। सोमवार की रात में भोजन करने के बाद ओमप्रकाश जब ड्यूटी पर चला गया था। मंगलवार की सुबह 7.00 बजे जब ओम प्रकाश श्रीवास्तव अपनी ड्यूटी समाप्त करके घर लौटे तो मकान का मुख्य दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाकर उन्होंने देखा कि कमरे में जितेंद्र और उसकी 18 वर्षीय बेटी मान्या तथा 14 वर्षीय मानवी के शव पंखे से दुपट्टे के सहारे झूल रहे थे। खींचते हुए बाहर निकले ओमप्रकाश ने घटना की जानकारी पड़ोसियों को देने के साथ ही पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही फॉरेंसिक टीम के साथ एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई, प्रभारी निरीक्षक रणधीर मिश्रा मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की छानबीन की। एसपी सिटी ने बताया है कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी। फिलहाल पुलिस ने तीनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए हैं।