BTC से हो रहा मोह भंग-फीस देकर भी नहीं लिया ऐडमिशन- सरकार हुई ..
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए वैकेंसी नहीं निकाले जाने से डीएलएड की शिक्षा के प्रति अभ्यर्थियों का मोह भंग होने लगा है। जिसके चलते डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन प्रशिक्षण 2023 सत्र की 70000 से अधिक सिम खाली रह गई है। अभ्यर्थियों की इस बेरुखी के बावजूद सरकार की बल्ले बल्ले हो गई है और फीस देकर अभ्यर्थियों द्वारा एडमिशन नहीं लिए जाने से सरकार को बैठे बिठाये तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए की आमदनी हो गई है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में b.ed अभ्यर्थियों को अमान्य करार दिए जाने के आदेशों के बाद सरकार को उम्मीद थी कि डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन प्रशिक्षण 2023 सत्र के लिए अभ्यर्थियों का धड़ाधड़ एडमिशन होगा।
सरकार की उम्मीद के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की 10600 तथा 2974 निजी कॉलेजों की 222750 सीटों पर प्रवेश पाने के लिए 336 187 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के बाद पिछले 5 सालों में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एडमिशन के लिए आवेदन मिले थे। इसे लेकर निजी डीएलएड कॉलेज में भी खाता उत्साह था।
लेकिन एडमिशन के लिए निर्धारित की गई अंतिम तिथि 20 नवंबर तक 163250 अभ्यर्थियों ने ही डीएलएड में प्रवेश लिया है। जिसके चलते राज्य में 70100 सीटें खाली रह गई है। गौरतलाप तथ्य यह है कि जिन 2684 अभ्यर्थियों ने 5000-5000 रुपए की फीस देकर कॉलेज तो आवंटित कराया था लेकिन उन्होंने दाखिला नहीं लिया है। उत्तर प्रदेश में 5 साल से प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती शुरू नहीं होना डीएलएड कॉलेज में प्रवेश नहीं होने का प्रमुख कारण बताया जा रहा है।