करोड़ों खर्च के बावजूद घरों की हालत खस्ता- कर्मियों को ना स्वच्छ हवा...

करोड़ों खर्च के बावजूद घरों की हालत खस्ता- कर्मियों को ना स्वच्छ हवा...

नौरोजाबाद। करोड़ों का ठेका देने के बावजूद एसईसीएल की ओर से दिए गए मकानों में रह रहे श्रमवीरों को ना तो स्वच्छ हवा मिल पा रही है और ना ही पीने का पानी। जगह-जगह से टपकती छत एवं उखड़ी दीवारें ठेकेदार की लापरवाही की जीती जागती मिसाल दे रही है।

दरअसल जोहिला एरिया में एसईसीएल द्वारा संस्थान में कार्य करने वाले श्रमवीरों के लिए मकानों का निर्माण कराया गया है। कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए इन मकानों के वार्षिक रखरखाव का ठेका भी दिया जाता है। इस साल भी एसईसीएल की ओर से श्रमवीरों के मकानों के वार्षिक रखरखाव का ठेका दिया गया है। परंतु ठेकेदार की ओर से बरती जा रही लापरवाही और उदासीनता की वजह से श्रमवीरों को जर्जर मकानों में रहना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि जरा सी बरसात होते ही मकानों की छतें टपकने लगती है।

नाली एवं नालियों की मरम्मत और सफाई आदि का काम नहीं होने की वजह से उनमें गंदा पानी हर समय अपना डेरा जमायें रहता है जो ओवरफ्लो होकर रास्ते पर पहुंच जाता है। मकानों की छतों एवं दीवारों का जगह-जगह से उखड़ा प्लास्टर ठेकेदार की उदासीनता और भ्रष्टाचार की कहानी सुनाता दिखाई दे रहा है। श्रमवीरो का आरोप है कि आवासों एवं नालियों के मेंटेनेंस में केवल खानापूर्ति करते हुए करोड़ों डकार लिए गए हैं। वार्षिक ठेका खत्म होने की कगार पर लेकिन कालोनियों के आवासों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उधर चर्चा है कि वार्षिक रखरखाव का ठेका जिस कांटेªक्टर को दिया गया है उस कांट्रेक्टर ने एसईसीएल के सिविल इंजीनियर के साथ मिलकर सहज में ही करोड़ों रुपए की राशि का भ्रष्टाचार कर समूची धनराशि को मिल बांटकर डकार लिया है। नागरिकों द्वारा इस मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई गई है।

रिपोर्ट- चंदन श्रीवास, मध्यप्रदेश

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