सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का प्रस्ताव वापस लेने की मांग
नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के हाल के उस प्रस्ताव को वापस लिये जाने का अनुरोध किया है जिसमें शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किये जाने का सुझाव दिया गया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने संबंधित प्रस्ताव को संवैधानिक मानदंडों के प्रतिकूल बताया है और कहा कि यह चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए निर्धारित कानून के विरुद्ध है।
प्रत्येक उच्च न्यायालय की अपनी स्वतंत्र चयन पद्धति होती है तथा संबंधित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा उम्मीदवारों के व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार नियुक्ति की जाती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं की उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने के अनुरोध को दोहराया था।
विकास सिंह के अनुसार शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के पास दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानून आदि से संबंधित सभी प्रकार के मुद्दों से निपटने का व्यापक और सर्वश्रेष्ठ अनुभव है, लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा शायद ही कभी उन पर विचार किया जाता है क्योंकि वे उच्च न्यायालय के समक्ष नियमित रूप से प्रैक्टिस नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन मुख्य न्यायाधीश को वकीलों की एक सूची सौंप सकती है जो इसे हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेज सकते हैं।
वार्ता