84 में हुए दंगों में मारे गए सिखों की याद में स्मारक बनवाने की मांग
गाजियाबाद। सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर से मुलाकात करते हुए वर्ष 1984 के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए दंगों में मारे गए निर्दाेष सिखों की याद में स्मारक बनवाने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई। प्रतिनिधिमंडल ने महापौर को इस बाबत एक ज्ञापन भी दिया।
शुक्रवार को दशमेश सेवा समिति ( दशमेश सेवक जत्था) बैनर तले इकटठा हुए सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर सुनीता दयाल के आवास पर भेंट कर उनसे नगर निगम द्वारा ग़ाज़ियाबाद में कहीं भी वर्ष 1984 में हुए दंगों में मारे गये निर्दोष सिखों की याद में एक स्मारक का निर्माण कराने की माँग रखी।
सिख समुदाय की इस मांग को लेकर महापौर ने गम्भीरतापूर्वक विचार करके जल्द ही स्मारक बनवाने की बाबत आवश्यक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अल्पसंख्यक आयोग उ० प्र० के पूर्व सदस्य सरदार एस पी सिंह व दशमेश सेवा समिति के संयोजक हरप्रीत सिंह जग्गी ने बताया कि 1984 के दंगों में ग़ाज़ियाबाद में 29 निर्दाेष सिक्खों की हत्या की गई थी और सैंकड़ों लोगों के घरों में आगज़नी और तोड़फोड़ करके लूटपाट की गई थी। आज 39 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी भी आरोपी को कोई सजा नहीं मिली है।
समिति द्वारा ग़ाज़ियाबाद के लिए भी एसआईटी बनाने की माँग की गई थी। दोषियों को सजा दिलाने के लिए क़ानून अपना काम करेगा ही, समाज का मानना है कि 84 के नरसंहार में मारे गए निर्दाेष सिक्खों की याद में ग़ाज़ियाबाद में कहीं भी एक स्मारक का निर्माण किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियों को तत्कालीन सरकार की निर्लज्जता की जानकारी मिलती रहे और उन निर्दाेष लोगों की आत्माओं को शांति भी मिल सके।
महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि उस समय की याद करते ही रूह काँप जाती है, केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने दोषियों को सजा दिलाने के लिए व पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की कार्रवाई भी की है। प्रतिनिधिमंडल में गुरुद्वारा जी ब्लॉक कविनगर के अध्यक्ष रविन्दर सिंह जौली, रामगढ़िया समाज के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सोहल, इक़बाल सिंह सोढी, सिक्ख यूथ के गगनदीप सिंह अरोड़ा, रूपिन्दर सिंह स्वीटी, जे पी सिंह, ज्ञानी राजेन्द्र सिंह व ए एस मदान आदि मौजूद रहे।