मृतक मां ने अंतिम संस्कार के लिए घंटों किया इंतजार- संपत्ति बंटवारे...

मृतक मां ने अंतिम संस्कार के लिए घंटों किया इंतजार- संपत्ति बंटवारे...

मथुरा। समाज को झकझोर देने वाली घटना के अंतर्गत मौत का निशाना बनी महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए तकरीबन 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। संपत्ति बंटवारे के बाद ही धन की लालची बेटियां अपनी मां का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुई।

भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के गोविंद नगर इलाके में बिरला मंदिर के पास स्थित शमशान घाट में हुई बेहद शर्मनाक घटना के अंतर्गत 98 साल की पुष्पा देवी का शव 7 घंटे तक उनकी बेटियों के बीच चार बीघा जमीन के बंटवारे को लेकर चल रही रार की वजह से मुखाग्नि के लिए इंतजार करना पड़ा।

रिश्तेदारों की ओर से दिए गए दखल के बाद शमशान घाट में स्टांप पेपर मंगाया गया। मौके पर हुए बंटवारे के समझौते के बाद मृतक महिला के शव को मुखाग्नि दी गई। दरअसल मूल रूप से नगला छीता गांव की रहने वाली 98 वर्षीय पुष्पा देवी के पति का कई साल पहले निधन हो गया था। कोई बेटा नहीं होने की वजह से महिला अपनी शादी शुदा बेटियों के यहां रहकर बाकी बचे जीवन को काटती रही। मौजूदा समय में पुष्पा देवी शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला आनंदपुरी की गली नंबर 5 में रहने वाली अपनी बेटी मिथिलेश पत्नी मुरारी के यहां रह रही थी।

बीते दिन महिला की मौत हो गई। सवेरे तकरीबन 10:30 बजे बिरला मंदिर के पास स्थित मोक्ष धाम में महिला की पार्थिव देह को अर्थी सजाकर ले जाया गया। अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों ने लकड़ी लगाकर चिता तैयार करते हुए महिला के शव को उसके ऊपर मुखाग्नि के लिए रख दिया था। इसी बीच मृतक पुष्पा देवी की बड़ी बेटी शादाबाद की रहने वाली शशि अपनी बहन सुनीता के साथ वहां पर पहुंची और मां के नाम पर दर्ज चार बीघा जमीन के लिए बखेड़ा कर कर दिया। उसकी वसीयत मिथिलेश ने अपने नाम पर लिखवा ली थी।

तकरीबन सात घंटे तक संपत्ति के बंटवारे को लेकर शमशान घाट में तीनों बहनों के बीच गहमगहमी होती रही। गोविंद नगर एवं शहर कोतवाली पुलिस भी मामले की जानकारी मिलने के बाद शमशान घाट में पहुंच गई। काफी समय तक चलती रही गहमागहमी के बाद जब रिश्तेदारों ने दखल दिया तो शमशान घाट में ही स्टांप पेपर मंगवाकर समझौता लिखा गया। तब कहीं जाकर 7 घंटे बाद मृतक महिला के शव को मुखाग्नि मिल सकी। संपत्ति के बंटवारे को लेकर बेटियों के बीच हुए इस शर्मनाक वाकिये के बाद अब लोग तरह-तरह के कमेंट करते हुए जमीन के लिए मां के अंतिम संस्कार को रोकने वाली बेटियों की कारगुजारी की जमकर निंदा कर रहे हैं।

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