UCC को लेकर दारूल उलूम ने आयोग को लिखी चिट्ठी- अशांति को देगा जन्म

UCC को लेकर दारूल उलूम ने आयोग को लिखी चिट्ठी- अशांति को देगा जन्म

सहारनपुर। दारूल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने विधि आयोग को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियां वाला देश है, इसमें यूसीसी अव्यवस्था और सामाजिक अशांति की वजह बनेगा। दारूल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने आयोग को भेजी चिट्ठी में भारत में यूसीसी लागू किये जाने का विरोध करते हुए लिखा कि यूसीसी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के विरूद्ध है।


इससे पहले जमीअत उलमा हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे बड़े मुस्लिम संगठन भी विधि आयोग को अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। दारूल उलूम देवबंद ने पत्र में सेवाओं और आजादी मे दिये गये योगदान का हवाला देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि भारत में सभी समुदायों के लिये एक यूसीसी की कोई जरूरत नहीं है। यूसीसी को लागू करने का मतलब यह होगा कि सभी व्यक्तिगत धार्मिक नियमों को दूर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि विवाह, तलाक, विरासत आदि जैसे विभिन्न मामलों को कंट्रोल करने वाला एक समान कानून होगा, जो संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के अन्तर्गत हर भारतीय नागरिक को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के विरूद्ध होगा।

दारूल उलूम देवबंद ने आगे पत्र में लिखा कि यूसीसी सामाजिक अव्यवस्था की वजह बनेगा। यदि पूरे भारत में यूसीसी कानून लागू किया जाता है तो यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिये अधिक कठिनाई और सामाजिक अव्यवस्था की वजह बनेगा चूंकि उनका व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन देश के बाकी लोगो से काफी अलग है। उन्होंने कहा कि यूसीसी विभाजनकारी साबित होगी और सामाजिक अशांति को जन्म देगी। उन्होंने यूसीसी को संविधान की भावना के विरूद्ध बताया है, जो नागरिकों को उनकी संस्कृति और धर्म का पालन करने के अधिकार की रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि सस्था इसे अनावश्यक और मौलिक संवैधानिक अधिकारों के विपरित मानती है।

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