ब्लैक फंगस का खतरनाक रूप- मस्तिष्क में मिला क्रिकेट बॉल जितना फंगस
पटना। ब्लैक फंगस तरह तरह से हमारे सामने आ रहा है। ब्लैक फंगस के विभिन्न लक्षण हमारे सामने दिखाई दे रहे हैं। ब्लैक फंगस कभी ब्लैक तो कभी व्हाइट और कभी येलो कलर में भी हमने सुना था। मगर ब्लैक फंगस का ऐसा एक लक्षण बिहार में पहली बार सामने आए हैं, जो हैरान और परेशान करने वाला है। यह लक्षण सामान्य से हटकर है। मामला इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में सामने आया है जहाँ नाक से प्रवेश कर फंगस आंखों में साइनस को अधिक प्रभावित करते हुए सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। प्रदेश का पहला मामला है। जिसमें देखा गया है शरीर के विभिन्न स्थानों में देखा जाता था। मगर पहली बार मस्तिष्क में पहुंचकर यह क्रिकेट बॉल से भी बड़ा हो गया। हालांकि गनीमत है कि स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों की सूझबूझ के कारण क्रिकेट बॉल से बड़े इस फंगस को कठिन सर्जरी के बाद निकाल दिया गया।
यह जानकारी संस्थान के चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने शनिवार को दी। डा. मनीष मंडल ने बताया कि सामान्यतरू नाक से प्रवेश करने के बाद ब्लैक फंगस का संक्रमण आंखों को क्षतिग्रस्त करता है। जमुई निवासी अनिल कुमार के मामले में संक्रमण नाक से सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। इससे आंखों को कोई क्षति नहीं हुई है। इस विरले सफल आपरेशन को अंजाम देने वाली न्यूरो सर्जरी विभाग की टीम को संस्थान के निदेशक डा. एनआर विश्वास ने धन्यवाद देते हुए ऐसे ही उत्कृष्ट कार्य करने को प्रोत्साहित किया।
न्यूरो सर्जरी विभाग के डा. ब्रजेश कुमार ने बताया कि जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार को मिर्गी जैसे दौरे पड़ रहे थे। वह बार-बार बेहोश हो रहे थे और उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही थी। उन्हें यह समस्या 15 दिन से थी। पहले वह घर पर ही इसका इलाज करा रहे थे। जब स्वजन उन्हें आइजीआइएमएस लेकर आए तो जांच में पता चला कि मस्तिष्क में ब्लैक फंगस का संक्रमण है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि उनकी सर्जरी जल्द से जल्द की जाए। तीन घंटे लंबे आपरेशन कर मस्तिष्क से क्रिकेट के बॉल से बड़े आकार का ब्लैक फंगस निकाला गया है। आंखों को क्षतिग्रस्त किए बिना ब्रेन में फंगस का जाल बनने के कारण ही मरीज को मिर्गी आ रही थी। फंगस और 100 मिलीग्राम से अधिक मवाद निकालने के बाद डाक्टरों ने मरीज को खतरे से बाहर बताया है ।