ग्लेशियर टूटने से बांध क्षतिग्रस्त- 2 शव बरामद, 100 लोगों के बहने की आशंका
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ के पैंगगांव में ग्लेशियर फटने के कारण जल विद्युत परियोजना का बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। इस दैवीय आपदा में 100 लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। वहीं दो शव अब तक बरामद किये जा चुके हैं। हरिद्वार के गंगाघाट भी ऐहतियातन खाली करा लिये गये हैं। एनडीआरएफ व आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंच गई है। तीन हेलीकाॅप्टरों द्वारा पूरे मामले की निगरानी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मामले की जानकारी मुख्यमंत्री से ली है और स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।
जानकारी के अनुसार आज उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ के पैंगगांव में ग्लेशियर फटने से बड़ी दुर्घटना हो गई। जब यह ग्लेशियर फटा तो पानी की ऊंचाई अपने सामान्य स्तर से 3 मीटर ऊंची हो गई है, इससे ही इसकी भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्लेशियर फटने से 13.3 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना का बांध नष्ट हो गया। इससे पूर्व इस परियोजना से वर्ष 2016 में भी विद्युत उत्पादन एक बार बन्द हो चुका है। वर्ष 2020 में ही इसे पुनः शुरू किया गया था। इस दैवीय आपदा में लगभग 100 लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। वहीं अब तक दो शवों को बरामद किया जा चुका है। हां, यह बहुत बड़ा शुक्र रहा कि अलकनन्दा पर बने टिहरी बांध परियोजना को कोई क्षति नहीं हुई है।
इस आपदा की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, गढ़वाल मंडल के आयुक्त रविनाथ रमन और पुलिस उपमहानिरीक्षक नीरू गर्ग ने प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से अवलोकन किया।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी फोन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और मुख्य सचिव ओमप्रकाश से स्थिति की जानकारी ली और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिये।
एनडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर भी हेलीकॉप्टर से बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ के अनुसार अलकनन्दा का जल स्तर अब रुद्रप्रयाग जनपद आते आते मात्र एक मीटर रह गया है, जबकि कुछ समय पहले तक इसका बहाव दो से तीन मीटर ऊपर था। एनडीआरएफ और आईटीबीपी रेस्क्यू में लगी हुई हैं। एहतियातन हरिद्वार के गंगाघाटों को खाली करा लिया गया है। गंगा क्षेत्र के आसपास स्थित गांवों को भी खाली करा लिया गया है। एनडीआरएफ और आईटीबीपी स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं। तीन हेलीकाॅप्टरों द्वारा निगरानी की जा रही है।