सराहनीय - भैया दूज पर यूपी की जेलों से निराश नहीं लौटी बहने
लखनऊ। यूपी की जेलों में बदलाव अलग-अलग प्लेटफार्म पर दिखाई पड़ता नजर आता है, चाहे जेलों में अपराधों के विरुद्ध सख़्ती हो या फिर बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम, यूपी की जेलें इस समय संवर रही हैं। धार्मिक पर्व पर भी जेलों में निरूद्ध बंदियों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कल भैया दूज के पर्व पर उत्तर प्रदेश कारागार विभाग के मुखिया और आईपीएस अफसर आनंद कुमार ने सभी जेल प्रशासन को स्पष्ट आदेश कर दिया था कि भैया दूज के पर्व पर किसी भी महिला को मुलाकात ना होने के कारण अपने भाई से मिले बिना वापस नहीं लौटना चाहिए। डीजी कारागार के इस आदेश का यूपी की जेलों में सख्ती से पालन किया गया और किसी भी महिला को जेल में निरूद्ध बंदी से मिले बिना वापस नहीं किया गया। जेल विभाग की इस कार्यशैली से जेल के दरवाजे तक पहुंची महिलाओं में उत्साह देखा गया।
भाई बहन के प्यार और विश्वास के पावन पर्व भैया दूज के मौके पर डीजी जेल की ओर से दिए गए निर्देशों के तहत राज्य भर की जेलों में बहनों के भाई के मंगल टीके के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। भाई के सुखद जीवन और स्वास्थ्य की कामना को लेकर जेलों में पहुंची 56203 महिलाओं और 19452 बच्चों ने भैया दूज के पर्व पर जेलों में निरुद्ध बंदियों से मुलाकात की।
कल बृहस्पतिवार को समूचे देश में भाई-बहन के स्नेह और विश्वास के संबंधों का पावन पर्व भैया दूज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश की जेलों में भी डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर भाई-बहन के इस पवित्र त्यौहार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाने के विशेष प्रबंध किए गए थे।
बंदी भाइयों को इस दिन का विशेष रूप से इंतजार रहता है, इसलिये कल सुबह से ही भारी संख्या में माताएं बहने जेलों में निरुद्ध अपने भाइयों के लिए अक्षत, टीका, फल ,मिष्ठान आदि लेकर पहुंच रही थी। जेलों में मिलने आने वाली माताओं, बहनों को कोई असुविधा ना हो इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश की सभी जेलों में जेल प्रशासन ने साफ सफाई, आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाओं, पेयजल, धूप से बचाव आदि के व्यापक प्रबंध किए गए थे।
डीजी जेल आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी जेल अधिकारियों को यह निर्देशित किया था कि जेल पर बंदियों से मिलने पहुंचने वाली माताओं और बहनों को मिलने और त्योहार मनाने की सुविधा प्रत्येक दशा में प्रदान की जाए और कोई भी निराश ना लौटे और हुआ भी ऐसा ही। पूरे सूबे की जेलों में जेल प्रशासन द्वारा बेहतर व्यवस्थाएं की गई। सुबह से शाम तक महिलाओं और बच्चों ने कारागार में निरुद्ध बंदियों से मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। जेल विभाग के अनुसार भैया दूज पर 56203 महिलाओं और 19452 बच्चों ने जेल में निरुद्ध बंदियों से मुलाकात की।