DAV कॉलेज में स्पीक मैके द्वारा आयोजित हुआ शास्त्रीय नृत्य कार्यक्रम

मुज़फ्फरनगर। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगाली के दिशा निर्देश अनुसार माध्यमिक शिक्षा क्षेत्र के डीएवी इंटर कॉलेज जानसठ मुजफ्फरनगर के सभागार में स्पीक मैके के तत्वाधान में शास्त्री ऑडिशन नृत्य कार्यशाला प्रस्तुतीकरण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार, विश्वविख्यात नृत्यागंना लिप्सा सत्पथी, महामण्डलेश्वर राधा मोहन तिवारी राष्ट्रीय अध्यक्ष महामृत्युन्जय सेवा मिशन, स्पीक मैके, डॉ0 निति मित्तल, डॉ0 मृदुला मित्तल, स्पीक मैके के स्वयं सेवक अभिनव त्यागी व सागर, रणवीर सिंह प्रधानाचार्य जी0आई0सी0 कम्हेड़ा, ज्योति बाला प्रधानाचार्या गोमती कन्या इण्टर कॉलेज, जानसठ, और विद्यालय के प्रधानाचार्य समुद्र सैन द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

दरअसल मुजफ्फरनगर के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाली के निर्देशन में डीएवी इंटर कॉलेज जानसठ मुजफ्फरनगर में स्पीक मैके संस्था के द्वारा शास्त्रीय ओड़िशा नित्य कार्यशाला प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम विद्यालय के छात्र मनन धीमान ने एक स्पीच में स्पीक मैके का परिचय देते हुए कहा कि स्पीक मैके एक ऐसी संस्था है जो युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत कला एवं संस्कृति के विभिन्न रूप से हमें परिचित कराने के लिए एक गैर-लाभकारी स्वैच्छिक राजनीतिक संस्था है, जिसकी स्थापना आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ किरण सेठ द्वारा 1977 में की गई थी। छात्र मनन धीमान के द्वारा दिए गए इस परिचय के पश्चात कक्षा 11 के एक छात्र नैतिक वर्मा ने कार्यक्रम की मुख्य नृत्यांगना लिप्सा सतपति का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि लिप्सा सतपति ओडिशा राज्य की अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य ओड़िशा की एक प्रसिद्ध कलाकार है इन्होंने नृत्य की शिक्षा उड़ीसा नित्या अकेडमी भुवनेश्वर गंगाधर प्रधान में गुरु गंगाधर प्रधान गुरु बिचित्रानंद सवाई और गुरु अरुणामोहंती के कुशल मार्गदर्शन में प्राप्त की थी। लिप्सा सतपति ने लगभग 15 देशों में अपने शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन कर विख्याति प्राप्त की थी। लिप्सा सतपति मीडिया के क्षेत्र में भी अपना योगदान देती रहती है लिप्सा सत्पथी ने लगभग 15 देशों में अपने शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन कर विश्वख्याति प्राप्त की।

इनके नृत्य कार्यक्रम दूरदर्शन एवं भारत के विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर भी प्रसारित होते रहते है। लिप्सा सत्पथी एक कुशल दूरदर्शन एंकर भी है। उसके बाद विश्वविख्यात नृत्यागंना लिप्सा सत्पथी ने सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों और अतिथियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि उडीसा मेरी और मेरे आराध्य श्री जगन्नाथ पुरी जी की जन्मभूमि है। आज मैं जो नृत्य प्रस्तुत करने जा रही हूँ उसका नाम पंचभूतम है। अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी के पांच तत्व है, मेरी नृत्य की पहली प्रस्तुति भी इन पाँच तत्वों पर आधारित है। नृत्यांगना लिप्सा सत्पथी ने पंचभूतम प्रस्तुत करने के बाद विद्यार्थियों को बताया कि किसी भी हुनर को सीखने के लिए ध्यान प्रथम सोपान है और विद्यार्थियों को पाँच मिनट का ध्यान कराया और बताया कि नृत्य मोहिनी, अट्टम, सतप्रिया, कुचिपुडी, भरतनाट्यम आदि आठ प्रकार के होते है उनमें से एक शास्त्रीय नृत्य ओडिसी भी है। प्रत्येक नृत्य हमारे देश के किसी न किसी राज्य से जुडा हुआ है, फिर नृत्यांगना लिप्सा सत्पथी ने नृत्य के विभिन्न आयामों के विषय में विद्यार्थियों को संक्षिप्त परिचय दिया। राधा मोहन तिवारी ने सभागार में उपस्थित अतिथियो एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि ग्रामीण परिवेश में शिक्षा के साथ-साथ अपनी भारतीय संस्कृति की गौरवमयी विधाओं और कलाओं का ऐसा अतुलनीय प्रदर्शन हमारे और हमारे भावी करणधारों के लिए गौरव का पल है। आधुनिकता के साथ-साथ हमें अपने गौरवमयी इतिहास और प्राचीन विधाओं का ज्ञान होना अति आवश्यक है। मैं स्पीक मैके संस्था का धन्यवाद देता हूँ कि वे आज विद्यार्थियों को विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं से अवगत कराते रहते है। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत माहेश्वरी द्वारा किया गया जिसमें, प्रवक्ता संजय कुमार पंत, पुनीत कुमार, गौतम अधिकारी, अंकुर राजवंशी, देवेंद्र कुमार, राजेश कुमार, शिवकुमार, बृजेश कुमार, एवं देवदत्त कुमार, प्रवक्ता अशोक कुमार, प्रिया सैनी, आकांक्षा शर्मा, आकांक्षा यादव, कुमारी लक्ष्मी भाटिया, कार्यक्रम में उपस्थित रहें।

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य समुद्र सैन एवं अतिथियों के द्वारा विश्वविख्यात नृत्यांगना लिप्सा सत्पथी की अविस्मणीय प्रस्तुति के लिए पुष्प एवं सम्मान स्मृति चिह्न देकर बारम्बार आभार एवं धन्यवाद प्रस्तुत किया। उसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को भी सम्मान चिह्न भेंट कर सम्मानित किया और सभी अतिथियों को अपने बहुमूल्य समय में से समय निकालने के लिए धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।