सावधान-हाईवे पर 4 जुलाई से रूट डाइवर्ट- कांवड़ यात्रा पर पहचान पत्र..

सावधान-हाईवे पर 4 जुलाई से रूट डाइवर्ट- कांवड़ यात्रा पर पहचान पत्र..

मुजफ्फरनगर। श्रावण मास की कांवड यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा। डीजे पर प्रतिबंध नहीं रहेगा बल्कि पुलिस इसे नियंत्रित करेगी। यात्रा के दौरान कोई भी शिव भक्त 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ले जा सकेगा।

श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों द्वारा अपनी भागदौड़ आरंभ कर दी गई है। देहरादून के पुलिस मुख्यालय में बीते दिन आयोजित की गई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में शामिल हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान एवं पंजाब के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों एवं आईबी तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों ने हिस्सेदारी करते हुए अपनी अपनी राय रखी।


बैठक में श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर गंभीरता के साथ विचार विमर्श किया गया। इस बीच मेरठ और मुजफ्फरनगर प्रशासन की ओर से भी श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर शुरू की गई तैयारियों के अंतर्गत आगामी 4 जुलाई से दिल्ली-देहरादून संख्या-58 हाईवे को बंद करते हुए इस पर दौड़ने वाले यातायात को अन्य सड़क मार्ग से होकर निकाला जाएगा। 15 जुलाई को शिवरात्रि का पर्व होने के चलते हाईवे तथा अन्य कांवड़ यात्रा मार्गाे से होकर गुजरने वाले शिव भक्तों के लिए प्रशासन की ओर से की गई व्यापक तैयारियों के मद्देनजर सड़कों के गड्ढे भरवाने के साथ नीचे पड़े बिजली के तार ऊंचे कराए जा रहे हैं।

रूट डायवर्जन के लिए अभी तक जो योजना तैयार की गई है उसके मुताबिक दिल्ली गाजियाबाद की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को हापुड बायपास से किठौर के रास्ते मुजफ्फरनगर भेजने की तैयारियां की गई है। इसी तरह हरिद्वार और देहरादून जाने वाले वाहनों को जनपद मुजफ्फरनगर के मीरापुर से गंगा बैराज एवं बिजनौर के रास्ते हरिद्वार देहरादून भेजा जाएगा।

हालांकि अभी यह प्लान पूरी तरह से फाइनल नहीं किया गया है वैसे स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों द्वारा तैयार की गई योजना के मुताबिक श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य किया गया है। कांवड़ की ऊंचाई निर्धारित करते हुए कोई भी श्रद्धालु 12 फीट से ज्यादा ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा।

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