कैप्टन अ​मरिंदर सिंह ने GST पर कहा,केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं तो हम कहां से लाएं

कैप्टन अ​मरिंदर सिंह ने GST पर कहा,केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं तो हम कहां से लाएं

चंडीगढ़ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अ​मरिंदर सिंह ने GST पर केंद्र सरकार के निर्णयों पर प्रश्न उठाते हुए कहा है कि यदि केंद्र सरकार के पास फंड नहीं है तो राज्य कहां से लेकर आएंगे? कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार को मार्च माह से GST का कोई बकाया भुगतान नहीं मिला।

सीएम कैप्टन अ​मरिंदर सिंह ने GST पर केंद्र सरकार के रवैये पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार के पास पैसा नहीं है तो हम कहां से लाएंगे?

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'मुझे बताया गया कि GST भुगतान नहीं मिलने वाला है। पंजाब को मार्च से ही जीएसटी का कोई बकाया भुगतान नहीं हुआ है। यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार GST का मुआवजा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देने के लिए बाध्य नहीं है और GST काउंसिल को कोई दूसरा रास्ता निकालना चाहिए।'

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण से मिलने गए थे। इस मुलाकात के दौरान निर्मला सीतामरण ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो हम पैसे कहां से लाएं। हमने आपको टैक्स लगाने का अधिकार दिया है और आपका यह काम है कि इसका एक निश्चित हिस्सा हमें दें। लेकिन आप इसे देना नहीं चाहते। मेरे पास पैसे नहीं हैं, केंद्र सरकार हमें दे नहीं रही है। मेरे राज्य के सभी आंकड़े निगेटिव जा रहे हैं'

दरअसल जीएसटी कलेक्शन का एक हिस्सा रूल के अनुसार राज्यों को केंद्र सरकार को देना होता है ता​कि उनको होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके। लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच अर्थव्यवस्था के लचर हाल को देखते हुए मार्च से ही केंद्र सरकार राज्यों को यह मुआवजा नहीं दे रही।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'मार्च महीने में हमने सब कुछ बंद कर दिया था। लुधियाना की सभी 1.34 लाख औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई थीं। अब कारखाने शुरू हो रहे हैं और 16 लाख प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं। परन्तु केंद्र सरकार से हमें कोविड-19 से निपटने में कोई मदद नहीं मिल रही। केंद्र सरकार ने अब तक हमें सिर्फ 101 करोड़ रुपये दिये हैं, जबकि हमारा राज्य इस पर 500 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। हमारे पास पैसे नहीं हैं, क्योंकि हम दूसरे राज्यों की तरह मजबूत नहीं हैं।'

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