दलितों का बायकॉट- मंदिर एवं दुकानों में एंट्री पर रोक- मचा हड़कंप
नई दिल्ली। यादगीर जनपद में दलितों का बहिष्कार करते हुए सवर्णो ने उनके मंदिरों एवं दुकानों में एंट्री प्रतिबंधित कर दी है। हालात ऐसे हो चले हैं कि नाई दलितों के बाल काटने को तैयार नहीं है और किरयाना स्टोर से राशन नहीं मिल रहा है।
कर्नाटक के यादगीर में दलित परिवार की ओर से 23 साल के सवर्ण जाति से ताल्लुक रखने वाले युवक के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने के बाद सवर्णो ने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने के लिए इलाके के दलितों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक 15 साल की एक दलित लड़की एक सवर्ण युवक के साथ रिलेशनशिप में थी, लेकिन परिवार का आरोप है की सवर्ण युवक ने शादी का झांसा देकर लड़की के साथ रेप किया और जब शादी की बात आई तो वह अपने वादे से मुकर गया। अगस्त महीने की शुरुआत में परिवार को पता चला कि लड़की 5 महीने की प्रेग्नेंट है। इस पर लड़की के परिवार वाले जब युवक पर शादी का दबाव बनाने लगे तो युवक के परिवार ने कथित तौर पर दलित लड़की के साथ शादी करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद लड़की के परिवार वालों ने जब पाॅक्सो एक्ट के अंतर्गत युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया तो सवर्ण परिवार ने लड़की के परिवार को बातचीत के लिए बुलाया और समझौते की कोशिश की। लेकिन दलित परिवार के केस वापस लेने को तैयार नहीं होने पर सवर्णो ने उनके बहिष्कार का ऐलान कर दिया। हालांकि इससे पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
अब हालात ऐसे हो चले हैं कि गांव में रहने वाले तकरीबन 250 दलितों पर लगाएं गए प्रतिबंध के चलते किरियाना, स्टेशनरी की दुकानों, मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है।
पुलिस अधीक्षक संगीता का कहना है कि पुलिस गांव में शांति बनाए रखने के लिए डेरा डाले पड़ी है। उन्होंने कहा है कि स्थिति सामान्य है और गांव के बुजुर्गों से उन्होंने किसी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि गांव वालों ने भी पुलिस की बात मान ली है।