BKU अराजनैतिक प्रवक्ता धमेन्द्र ने भेजी PM मोदी को चिट्ठी- की यह मांग

BKU अराजनैतिक प्रवक्ता धमेन्द्र ने भेजी PM मोदी को चिट्ठी- की यह मांग

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर देश में चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी मिलो को ऋण देने के नियम में गन्ना बकाया भुगतान का प्रावधान कर चीनी मिलो सुलभ ऋण दिए जाने के लिये मांग की।

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने पीएम मोदी को भेजे पत्र में लिखा कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में गन्ना किसानो को गन्ने का भुगतान नियमानुसार 14 दिन के स्थान पर कई महीनो बाद किया जा रहा है। 2014 की चुनावी सभा में आपके द्वारा भी गन्ना किसानो का भुगतान 14 दिन में कराये जाने का वायदा किया गया था। चीनी मिलो पर देश के किसानो का लगभग 10 हजार करोड से अधिक बकाया वर्तमान में है। उत्तर प्रदेश में अकेले लगभग 3000 करोड गन्ना भुगतान का बकाया है। केंद्र सरकार चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को किसी इकाई के पुनर्वास और आधुनिकीकरण क्षेत्र में गन्ने के विकास के लिए खोई आधारित सह-उत्पादन विद्युत परियोजनाओं की कार्यकुशलता में सुधार के लिए व इकाई को निर्जल अल्कोहल या इथेनॉल के उत्पादन के लिए उनकी कार्यकुशलता में सुधार करने के लिए ऋण देती है।


उन्होंने पत्र में कहा कि चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को गन्ना बकाया भुगतान के लिए ऋण देने का नियम नहीं है। उत्तरप्रदेश सहित देश की कुछ चीनी मिलें गन्ना बकाया भुगतान में पिछड़ी हुई है, जिससे वहां के गन्ना उत्पादक किसान आर्थिक संकट से गुजर रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने समय समय पर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न नीतिगत उपाय लागू किए हैं। कुछ समय पहले भी केंद्र सरकार ने स्कीम फॉर असिस्टेंस ऑफ शुगर मिल्स के तहत चीनी मिलों के लिए 1100 करोड़ की अतिरिक्त सहायता को मंजूरी दी थी।

उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान में पिछड़ी हुई चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना SEFASU&2014) के तहत चीनी मिलों को ब्याज छूट के साथ कार्यशील पूंजी ऋण भी प्रदान की जा सकता है। इस वित्तीय सहायता से मिलो द्वारा किसानों का गन्ना भुगतान किया जा सकता हैद्य अतरू आपसे अनुरोध है कि देश में चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को ऋण देने के नियम में गन्ना बकाया भुगतान को भी शामिल कर चीनी मिलांे को सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाये जिससे गन्ना किसानों का गन्ना बकाया भुगतान हो सके।

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