बड़बोले बाबा-एलोपैथी के बयान पर मचा बवाल तो लिया वापिस
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव और उनके बयानों को लेकर होने वाले विवादों का चोली दामन का साथ रहा है। एलोपैथी पर दिए गये बयान के बाद मचे बवाल और विवादों में फंसने पर केंद्र द्वारा दी गई नसीहत के बाद रामदेव ने अपने बयान को वापस लेते हुए अब उसकी वकालत में ढेर सारे कसीदे गढ दिये हैं।
सोमवार को योग गुरु रामदेव ने 3 दिन पहले एलोपैथिक को लेकर किए गए अपने बयान को भारी बवाल मचने के बाद वापस ले लिया है। एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताने वाले बाबा ने सोमवार को मरीजों के इलाज की इस पैथी के संबंध में ढेर सारे कसीदे गढते हुए कहा है कि एलोपैथी ने भारत के साथ-साथ समूचे विश्व में बहुत ही तरक्की की है। अपने बयान में उन्होंने कहा है कि मैं इस पूरे विवाद को विराम देते हुए एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण विज्ञान कहे जाने की बाबत दिए गए बयान को वापस लेता हूं। गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव ने 3 दिन पहले एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताते हुए देशभर में बवाल खड़ा कर दिया था।
उन्होंने अपने बयान में यहां तक कह डाला था कि एलोपैथिक दवाई लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है। उनका एलोपैथी को निशाने पर लेने का मामला सिर्फ यही तक नहीं थमा बल्कि एक योग शिविर में रामदेव ने एक युवक से हुई बातचीत का हवाला देते हुए डॉक्टर को टर-टर कहते हुए एलोपैथी चिकित्सकों पर तंज भी कसा था।
तीन दिन पूर्व एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान से पहले भी बाबा रामदेव ने जब कोरोना की दवा बता कर अपनी कंपनी का आयुर्वेदिक प्रोडक्ट लांच किया था तो उस समय भी बाबा रामदेव ने एलोपैथिक डॉक्टरों को भी निशाने पर लिया था। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में कोरोना से बचाव की आयुर्वेदिक दवा लांच करने वाले बाबा रामदेव उस समय विवादों में घिर गए थे।
जब उन्होंने अपनी दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणिक बताया। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने योग गुरु के बयान का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसी किसी भी दवा का न तो कोई अप्रूवल दिया है और ना ही अपनी सहमति दी है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने योग गुरु को पत्र लिखकर उनके एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान पर नाराजगी जताते हुए उनसे अपने शब्द लेने का वापिस आग्रह किया था।