धरपकड़ शुरू होते ही भोले बाबा के आश्रम की दीवार से मिटाया नाम

धरपकड़ शुरू होते ही भोले बाबा के आश्रम की दीवार से मिटाया नाम

ग्वालियर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के मामले को लेकर धरपकड़ शुरू होते ही ग्वालियर स्थित भोले बाबा के आश्रम की दीवार पर लिखे नाम को मिटा दिया गया है। एक सेवादार का कहना है कि भोले बाबा 10 मई को भी सब कुछ खत्म करके यहां से चले गए थे।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के मामले के बाद चर्चा में आए ग्वालियर के तिघरा रोड पर झंडा का पुरा गांव के हरि विहार में बाबा के आलीशान आश्रम की दीवार पर लिखे नाम को मिटा दिया गया है। हाथरस में हुए हादसे के सिलसिले में बुधवार को तिघरा पुलिस द्वारा आश्रम की बिल्डिंग की तलाशी लिए जाने के बाद आज सवेरे आश्रम पर लिखा भोले बाबा का नाम मिटा हुआ मिला है।


पुलिस ने तलाशी के दौरान तलघर में जाकर जॉच की थी। हाथरस में हुए हादसे के बाद से भोले बाबा का आश्रम बंद चल रहा है। लेकिन सत्संग के लिए पीछे की तरफ बना स्टेज अभी तक मौजूद है। बृहस्पतिवार को बिल्डिंग की दीवार पर लिखे बाबा के नाम को सफेद रंग पोतकर मिटाया जा चुका है। सत्संग मंच पर लगे बाबा के बैनर को भी कपडे ढक दिया गया है।

सेवादार विपिन ओझा का कहना है कि बिल्डिंग के मालिक राम अवतार कुशवाहा है और उन्होंने बाबा को स्वास्थ्य लाभ के लिए यह बिल्डिंग दी थी। 12 मार्च 2024 को इस बिल्डिंग में सत्संग हुआ था। 10 मई तक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा यहां पर रहे थे और इसके बाद यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर चले गए‌। भोले बाबा ने 2 महीने पहले इस बिल्डिंग को खाली कर दिया था।

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