और हरियाणा-पंजाब में तीन घंटे तक पूरी तरह जाम रहे चक्के
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने समेत अन्य किसान मुद्दों को लेकर आहूत किये गए तीन घंटे के चक्का जाम का जहां पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में व्यापक असर देखा गया तो वही देश के अन्य राज्यों में इसका कोई खास असर दिखाई नहीं पड़ा। कई राज्यों में तो किसान संगठनों का यह चक्का जाम प्रतीकात्मक ही रहा और जाम की अवधि में गाड़ियां बेधडक होकर सड़कों पर अपनी रफ्तार से दौड़ती रहीं।
शनिवार को राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने बाॅर्डरों पर धरना स्थलों के पास के इलाकों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम किये जाने की घोषणा की थी। हालांकि अंतिम क्षणों में भाकियू द्वारा दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम की घोषणा को वापिस लेते हुए इन राज्यों को अलग रखा गया था।
शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के दौरान पंजाब और हरियाणा में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने कई जगह धरना प्रदर्शन करते हुए सड़कें बंद कर दीं। कडी चैकसी बरतते हुए पुलिस ने जाम का समय शुरू होने से पहले ही सुरक्षा बढ़ा दी थी और कई स्थानों पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया था। अलग-अलग किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर स्टेट और नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बाधित कर दिया था।
भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने दावा किया है उन्होंने पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें रोककर चक्का जाम की घोषणा को सफल बनाया है। इससे पहले सुबह के समय किसानों ने हरियाणा और पंजाब में में किसानों ने चक्का जाम के लिये प्रदर्शन निर्धारित किये गये धरना प्रदर्शन स्थलों पर एकत्रित होना शुरू कर दिया था। अंबाला के निकट शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा पर पहंुचे एक प्रदर्शनकारी ने कहा, बुजुर्ग और युवा चक्का जाम में हिस्सा लेने के लिए यहां भारी संख्या में एकत्रित हुए हैं।
उधर राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के आहूत चक्का जाम के समर्थन में कथित रूप से प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास इकटठा हुए लगभग 50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। किसान आंदोलन के मददेनजर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सभी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।