गजब- स्वास्थ्य विभाग के कागजों में मरा सिस्टर इंचार्ज कर रहा ड्यूटी

गजब- स्वास्थ्य विभाग के कागजों में मरा सिस्टर इंचार्ज कर रहा ड्यूटी

गोरखपुर। स्वास्थ्य विभाग का भी जवाब नहीं है। जिला अस्पताल के हड्डी रोग वार्ड में ड्यूटी कर रहे सिस्टर इंचार्ज को महकमें के कागजातों में मरा हुआ दिखा दिया गया है। रोजाना ड्यूटी कर रहा सिस्टर इंचार्ज अब अपने जिंदा होने का सबूत ढूंढ रहा है। कागजों में मृत घोषित किए जाने की वजह से निरंतर ड्यूटी करने के बावजूद सिस्टर इंचार्ज का वेतन भी फंस गया है। इस मामले की शिकायत सिस्टर इंचार्ज ने अब मुख्यमंत्री से की है।

दरअसल जिला अस्पताल में तैनात सिस्टर इंचार्ज राजेंद्र शुक्ला यहां से पहले देवरिया के जिला अस्पताल में तैनात था। शासन ने जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया है। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग निदेशालय ने महकमें के कर्मचारियों को इसी साल के जून महीने में देवरिया के महर्षि देवराहा बाबा स्वशासी मेडिकल कॉलेज से वापस बुला लिया था। जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने राजेंद्र शुक्ल समेत कई कर्मचारियों को रिलीव कर दिया था। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने दो हफ्ते बाद ही राजेंद्र शुक्ल की तैनाती गोरखपुर के जिला अस्पताल में सिस्टर इंचार्ज के पद पर कर दी थी।


स्थानांतरित होकर आए राजेंद्र शुक्ल ने जिला अस्पताल में अपनी ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली थी। निरंतर डयूटी कर रहे सिस्टर इंचार्ज को 3 महीने बाद तक भी जब वेतन नहीं मिला तो उसने मामले की खोजबीन शुरू की। इस दौरान पता चला कि जिला अस्पताल एवं ट्रेजरी विभाग को देवरिया मेडिकल कॉलेज की ओर से भेजे गये मानव संपदा दस्तावेजों में सिस्टर इंचार्ज राजेंद्र शुक्ला को जब मृत दिखा दिया गया तो उसके पैरों तले की जमीन निकल गई। एसआईसी डॉ राजेंद्र ठाकुर ने कहा है कि हड्डी वार्ड में ड्यूटी कर रहे सिस्टर इंचार्ज के मानव संपदा पोर्टल में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। संबंधित कागजात अब शासन को भेजे जा रहे हैं। शासन से मिले निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

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