बसपा की साथी की तलाश पूरी-अकाली दल से किया गठजोड़
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी को नए साथी की तलाश पूरी हो गई है। पंजाब की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश कर रही बसपा को शिरोमणि अकाली दल के रूप में एक नया साथी मिल गया है। भाजपा से नए कृषि कानूनों को लेकर अपना गठबंधन तोड़ चुकी शिरोमणि अकाली दल ने बसपा को गले लगाने की घोषणा की है। शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय पर आयोजित की गई बैठक में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद की मौजूदगी में इस गठजोड़ पर मोहर लगाई गई।
शनिवार को पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय पर कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा भी शामिल हुए। बैठक के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा और शिरोमणि अकाली दल द्वारा गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की घोषणा की गई। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से पिछलों दिनों लाये गये नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों में आये उबाल को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने गठबंधन को तोड़कर अलग हो चुका है। जिसके चलते उसे भी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी ऐसे दल की तलाश थी जो उसके साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सके और राज्य में उसे सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा सके। उधर बहुजन समाज पार्टी भी पंजाब में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। जिसके चलते बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा अपने प्रयासों में लगे हुए थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को टटोलना शुरू किया और गठबंधन की संभावनाएं आगे बढ़ाई। कई दौर की बातचीत के बाद दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बड़ा पेच फंसा हुआ था। शिरोमणि अकाली दल बसपा को राज्य में 117 में से 18 सीटों पर चुनाव लड़ाने की बात कर रही थी। जबकि बसपा 37 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का अधिकार मांग रही थी। कई दौर की बैठकों के बाद आखिरकार अब दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। जिसके तहत शिरोमणि अकाली दल की ओर से राज्य में चुनाव लड़ने के लिए बसपा को 18 सीटें दी जाएंगी। शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के साथ हुई। बैठक के बाद सतीश मिश्रा ने बसपा के राज्य प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की और कुछ अहम बिंदुओं को लेकर राज्यसभा सांसद ने दोनों नेताओं को निर्देश दिए कि वह इन पर काम करें और राज्य की 117 विधानसभा सीटों के साथ ही सहित बाहुल्य क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट तैयार करें। दलितों का वोट पंजाब के दोआबा और मांझा क्षेत्र में अधिक है जिसके चलते बसपा के हिस्से में आने वाली 18 विधानसभा सीटों में अधिकांश सीटें दोआबा और मांझा क्षेत्र में ही दी जाएगी। उधर शिरोमणि अकाली दल भी अपनी पार्टी का आकलन करने के लिए राज्य की सभी 117 विधानसभा सीटों पर सर्वे करा रहा है। ताकि इस बात का पता चल सके कि किस क्षेत्र में दलित नेताओं के कितने समर्थक है।