आखिर विरोध आ ही गया काम-गठबंधन को यहां से बदलना पड़ा उम्मीदवार

आखिर विरोध आ ही गया काम-गठबंधन को यहां से बदलना पड़ा उम्मीदवार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए गठबंधन के तौर पर चुनाव में उतरी समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल के भीतर उम्मीदवारों के नामों को लेकर कई स्थानों पर विरोध के स्वर फूट पड़े हैं। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन को थामने के लिए गठबंधन की ओर से जनपद बागपत की छपरौली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार में बदलाव किया गया है। इसके अलावा जनपद मुजफ्फरनगर की सदर विधानसभा सीट से भी राष्ट्रीय लोकदल की ओर से अपने उम्मीदवार की अब विधिवत घोषणा कर दी गई है।

बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तौर पर उतर रही समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल की ओर से जनपद बागपत की छपरौली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले घोषित किए गए उम्मीदवार के विरोध में क्षेत्रीय लोगों के उतर जाने के बाद उम्मीदवार में बदलाव करने को मजबूर हुई है। राष्ट्रीय लोकदल की ओर से अब छपरौली विधानसभा सीट से प्रोफेसर अजय कुमार को पार्टी का उम्मीदवार बनाकर इलेक्शन में उतारा गया है। इसके अलावा जनपद मुजफ्फरनगर की सदर विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरूप के छोटे पुत्र सौरभ स्वरूप बंटी को राष्ट्रीय लोकदल की ओर से अब विधिवत अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी के नेता सौरभ स्वरूप बंटी अब राष्ट्रीय लोकदल के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरकर अपनी उपयोगिता साबित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि जनपद बागपत की छपरौली विधानसभा सीट पर पार्टी की ओर से घोषित किए गए उम्मीदवार का क्षेत्रीय लोगों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भारी विरोध किया जा रहा था। इस विरोध के चलते अनेक स्थानों पर रालोद उम्मीदवार के पुतले फूंके गए थे और जगह-जगह हुई बैठकों के उपरांत पहले घोषित किए गए उम्मीदवार का विरोध करने का निर्णय लिया गया था। क्षेत्रीय लोगों के विरोध के चलते राष्ट्रीय लोकदल अपने उम्मीदवार में बदलाव करने को मजबूर हुई है। दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकदल की ओर से घोषित किए गए सदर विधानसभा सीट के उम्मीदवार सौरभ स्वरूप बंटी का भी कुछ लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। लेकिन जिस तरह से अब राष्ट्रीय लोकदल की ओर से सौरभ स्वरूप बंटी को अपना विधिवत उम्मीदवार घोषित किया गया है उसके चलते दिखाई दे रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल को चंद लोगों के विरोध की चिंता नहीं है।




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