हेमंत सोरेन के पूर्व OSD के खिलाफ ACB ने दर्ज किया मामला

हेमंत सोरेन के पूर्व OSD के खिलाफ ACB ने दर्ज किया मामला

रांची पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रुपये कमाने व आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में सोमवार की देर रात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर ली गई है। अधिवक्ता राजीव कुमार के बयान पर दर्ज पीई में गोपाल जी तिवारी पर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने और करीब 21.55 करोड़ रुपये के निवेश करने का आरोप है।

उनपर जमीन व फ्लैट में बड़ी राशि निवेश करने और अनाधिकृत रूप से विदेश यात्रा का आरोप है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 24 जुलाई को ही अधिवक्ता राजीव कुमार की शिकायत पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में गोपाल जी तिवारी के खिलाफ एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया था। यह पहला मामला है, जब मुख्यमंत्री ने अपने ही विशेष कार्य पदाधिकारी के खिलाफ एसीबी से जांच का आदेश दिया है।

अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी शिकायत पत्र में गोपाल जी तिवारी के बेटे के नाम पर निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मुख्यमंत्री को सौंपा था, जिसमें यह आरोप लगाया था कि मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक एक कंपनी बनाई गई है, जिसमें गोपाल जी तिवारी का बेटा भी पार्टनर है। इस कंपनी का कार्यालय अशोक नगर रोड नंबर चार में है।

कंपनी का दूसरा पार्टनर डोरंडा के नाथ ऑफिस पाड़ा निवासी जयदेव चटर्जी, तीसरा पार्टनर मोरहाबादी आशाश्री गार्डन निवासी निलभ है, जिसके पिता का नाम जी तिवारी बताया गया है। शिकायत में बताया गया है कि जी तिवारी ही गोपाल जी तिवारी हैं, क्योंकि गोपाल जी तिवारी का जो पता है, निलभ का भी वही पता है। मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक कंपनी ने 9.5 करोड़ रुपये की लागत से 136 डिसमिल जमीन खरीदी है।

इसके अलावा गोपाल जी तिवारी ने गुरुग्राम में 12.5 करोड़ रुपये की लागत से एक फ्लैट खरीदी है। शोभा इंटरनेशनल सिथ्टी में भी बेटे के नाम पर एक फ्लैट है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपाल जी तिवारी वर्तमान में पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव हैं। वे पूर्व में मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी थे, जिस पद का उन्होंने त्याग कर दिया था।

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