अभिनंदन वापस आ सकता है तो CRPF का जवान राकेश्वर क्यों नहीं?
नई दिल्ली। नक्सलियों ने शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ की जिम्मेदारी लेते हुए यह दावा किया है कि कोबरा कमांडो उनके कब्जे में है। नक्सलियों ने अपने 4 साथी मारे जाने का भी दावा किया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार अपने कमांडो को वापस चाहती है, तो उन्हें हमारी कुछ शर्तें माननी होगी तभी वह जवान को रिहा करेंगे। नक्सलियों ने मंगलवार को जारी बयान करते हुए कहा कि अगर सरकार अपने जवान को वापस चाहती है तो पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करें। इसके बाद वह बंदी जवान को वापस सौंप देंगे, तब तक जवान उनके पास ही रहेगा।
विदित हो कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में मुठभेड़ होने के बाद से सीआरपीएफ का एक जवान नक्सलियों के कब्जे में है। जिसको लेकर देश में वापसी की मांग उठ रही है। जवान के घरवालों से भी मीडिया ने बातचीत की है। जवानों के घर वालों को कहना है कि किसी भी तरह उनके घर वालों को उनका बेटा वापस चाहिए। जब अभिनंदन को पाकिस्तान से वापस लाया जा सकता है, तो हमारा बेटा वापस क्यों नहीं आ सकता? जवान के घर वालों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील की है। जवान की 4 साल की बेटी ने अपने पिता को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए रोते हुए अपील की है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस और कितना अच्छा रिजल्ट दिखाती और नक्सलियों के कब्जे से जवान को छुड़ाने के लिए कितनी तत्परता दिखाती है।