मुर्दाघर में लाश समझ कर रखे शख्स ने हिलाया हाथ तो सबका हुआ ऐसा हाल

मुर्दाघर में लाश समझ कर रखे शख्स ने हिलाया हाथ तो सबका हुआ ऐसा हाल

कोलकाता। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में तकरीबन 275 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अभी एक सैकड़ा लाशें ऐसी है जिनकी पहचान नहीं हो पाई है। अभी तक भी लोग लाशों के ढेर के बीच अपनों को तलाश रहे हैं। एक पिता के बेटे को मरा समझकर जब लाशों के बीच रखा गया था तो लाशों के बीच दबे शख्स ने जब अपना हाथ हिलाया तो मौके पर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। दरअसल संतरागाची के रहने वाले हेलाराम मलिक का बेटा 2 जून को कोरोमंडल ट्रेन में सवार होकर चेन्नई जा रहा था। तकरीबन 7:30 बजे पिता के पास आए फोन से पता चला कि जिस ट्रेन में उनका बेटा जा रहा था उसका एक्सीडेंट हो गया है।

जिसमें हेलाराम मलिक का बेटा बुरी तरह से जख्मी हो गया है। फोन पर यह बात सुनते ही पिता बेहोश हो गया। इस बीच लोगों ने हेलाराम मलिक के बेटे को मरा हुआ समझकर बालासोर स्कूल में बनाए गए मुर्दाघर में लाशों के ढेर के बीच रख दिया। उसके ऊपर अन्य लाशें रख दी गई, जब हेलाराम मलिक के बेटे को होश आया तो उसने अपना हाथ हिलाया। लोगों ने देखा कि लाशों के ढेर के बीच पड़ी लाश का हाथ हिल रहा है। यह देखते ही मौके पर मौजूद लोगों में हलचल शुरू हो गई। तत्काल ही लाशों के ढेर के बीच से निकालकर उसे अस्पताल ले जाया गया। इसी बीच बेटे को ढूंढने पहुंचे पिता को आखिरकार उनका बेटा बालासोर अस्पताल में मिल गया। बेटे को देखते ही पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि उसने अपने बेटे को हमेशा के लिए खोया समझ लिया था। उसका बेटा 2 साल बाद घर लौटा था और 15 दिन रहने के बाद फिर से अपने काम पर चला गया था।

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