3 घंटे तक सांसों के लिए तड़पती महिला ने अस्पताल के बाहर तोड़ा दम

3 घंटे तक सांसों के लिए तड़पती महिला ने अस्पताल के बाहर तोड़ा दम

ग्रेटर नोएडा। कोरोना वायरस की महामारी ने अपने पांव क्या पसारे चिकित्साकर्मियों की मानवीय संवेदनाएं पूरी तरह से जवाब दे गई हैं। उपचार कराने के लिए पहुंची बीमार महिला की हालत बिगड़ने के बाद भी चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती करना तो दूर उसकी जांच करने की भी जहमत नहीं उठाई। परिणाम स्वरूप कार में पड़ी महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

कोरोना संक्रमण की रफ्तार पकड़ती दूसरी लहर के बाद से लोगों का जीवन बचाने का दंभ भरने वाले चिकित्सकों की मानवीय संवेदनाएं पूरी तरह से जवाब दे गई है। ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 सेक्टर की रहने वाली महिला जागृति गुप्ता परिजनों के साथ राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के लिए पहुंची। परिजन चिकित्सकों से महिला को अस्पताल में भर्ती करने की इधर से उधर धक्के खाते हुए गुहार लगाते रहे। तकरीबन 3 घंटे तक कार में पड़ी महिला इलाज के लिए तड़पती रही। परिजन चिकित्सकों से महिला को तुरंत उपचार देने की गुहार लगाते रहे। लेकिन किसी भी डॉक्टर ने महिला को देखने की जहमत नहीं उठाई। जब महिला ने 3 घंटे तक मौत से लड़कर हार मानते हुए तड़प तड़प कर कार में ही दम तोड़ दिया तो चिकित्सक आए और जांच-पड़ताल कर उसे मृत घोषित कर चले गए। डॉक्टरों ने उस महिला के शव को मोर्चरी तक भिजवाने की व्यवस्था भी नहीं की। उधर राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि महिला गंभीर हालत में अस्पताल आई थी। यहां पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों व संस्थान पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।



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