12 लोगों ने दिया कंधा, तब श्मशान घाट पहुंची अर्थी-वहां भी दुश्वारियां

12 लोगों ने दिया कंधा, तब श्मशान घाट पहुंची अर्थी-वहां भी दुश्वारियां

आगरा।एक 26 वषींया महिला का परेशानियों ने मरने के बाद भी पीछा नही छोडा। प्रशासन और गांव पंचायत की अनदेखी की वजह से दलदल में तब्दील हुए रास्ते से दर्जन भर लोगों को किसी तरह कंधा देकर अर्थी को श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा। पूरे रास्ते लोग अर्थी पर रखें शव के गिरने पर बेकद्री होने के डर से पूरे रास्ते बुरी तरह से सहमे रहे। हालात उस समय और अधिक विकट हो गए जब अंतिम संस्कार के दौरान तिरपाल हाथों में पकड़ कर लोगों को पूरी चिता जलानी पड़ी।

दरअसल जनपद के थाना फतेहपुर सीकरी के गांव हंसपुरा निवासी आकाश कुमार की 26 वर्षीय पत्नी राजकुमारी की जब आज सवेरे बीमारी के चलते आकस्मिक मृत्यु हो गई तो परिवार के लोग गांव वालों के साथ उसके शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए घर से निकले। दुर्भाग्य से श्मशान घाट जाने वाले रास्ते की हालत इतनी खराब थी कि वहां तक वाहन ले जाना तो दूर पैदल चलना भी बुरी तरह से दुष्कर हो रहा था। पूरे रास्ते पर भयानक कीचड़ और जलभराव का साम्राज्य व्याप्त था।

ऐसे हालातों में दर्जन भर लोगों को आगे आते हुए आमतौर पर चार कंधो पर ले जाए जाने वाली अर्थी को 10-12 लोगों ने अपने कंधों पर उठाया और किसी तरह गिरते पडते अर्थी को लेकर श्मशान घाट तक पहुंचे। रास्ते में कई बार ऐसे हालात बने कि अर्थी पकड़कर जा रहे लोगों के पैर फिसल गए और अर्थी पर रखे शव के जमीन पर गिरने तक की नौबत आ गई। किसी तरह से परिवार के लोग अर्थी को लेकर श्मशान घाट तक पहुंचे। वहां भी दुश्वारियां कम नहीं हुई बल्कि जब बारिश होने लगी तो लोगों ने तिरपाल लगाकर चिता को अग्नि दी और उसके पूरी तरह जलने तक वहां तिरपाल लगाए बैठे रहे।

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