लद्दाख में युवा नेतृत्व को भाजपा ने कमान सौंपी
लखनऊ। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल को लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्र का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया। स्मरण रहे लॉकडाउन के दौरान मई में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शीरिंग दोरजे ने त्यागपत्र दे दिया था। तब से यह पद रिक्त था। दोरजे ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लद्दाख के लोगों को वापस लाने में प्रशासन की विफलता और पार्टी के प्रयासों पर सवाल खड़े करते हुए त्यागपत्र दिया था। जिसके बाद भाजपा यहां नए अध्यक्ष की तलाश में जुटी थी। अंततः पार्टी ने 2019 में पहली बार सांसद बने 34 वर्षीय युवा जामयांग सेरिंग नामग्याल को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चयनित किया। नामग्याल का चयन वंशवाद ,यथास्थितिवादी राजनीतिक दौर में ताजा हवा के झोंके जैसा लगता है। चीन की लद्दाख क्षेत्र में अतिक्रमणकारी रवैये के बीच नामग्याल लद्दाख की जनता की आवाज के रूप में उभरे है। उनकी प्रतिभा पिछले एक वर्ष से लोगों को अचम्भित कर रही है। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी लद्दाख के लोगों के ट्वीट के द्वारा प्रधानमंत्री को घेर रहे हैं (खोज करने पर पता चला कि जिन सन्दर्भों का वे उल्लेख कर रहे थे, वे कांग्रेस के स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के थे) तब यह युवा जन प्रतिनिधि चीन के हमलावर रवैये का डटकर प्रतिरोध कर रहा है,साथ ही देश को लद्दाखी जनता की भावनाओं से अवगत भी करा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता को दिए गए उनके जवाब को भी पसंद किया गया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा था कि क्या चीन ने लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा किया है। जामयांग सेरिंग नामग्याल ने ट्वीट कर जवाब दिया- हां, चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा किया है, लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल में। उम्मीद है राहुल और कांग्रेस तथ्यों के आधार पर मेरे जवाब से संतुष्ट होंगे। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि वे फिर से गुमराह करने की कोशिश नहीं करेंगे। अपने ट्वीट में नामग्याल ने दो तस्वीरें साझा की। एक में, उनका जवाब है और दूसरे में देमचोक घाटी की एक तस्वीर है। उन्होंने बताया कि निम्न इलाकों पर कांग्रेस के कार्यकाल में चीन ने कब्जा किया था।
1962 में कांग्रेस राज के दौरान अक्साई चिन (37,244 वर्ग किमी)। यूपीए के समय में 2008 तक चुमुर क्षेत्र में टिया पंगांक और चैबजी घाटी (250 मीटर लंबाई)। पीएलए द्वारा देमचोक में जोरावर किले को 2008 में ध्वस्त किया गया था और 2012 में यूपीए शासन के दौरान पीएलए ने ऑबसर्विंग प्वाइंट बनाया। 13 सीमेंट वाले घरों के साथ चीनी कॉलोनी भी बनाई। यूपीए शासन के दौरान 2008-2009 में डुंगती और डेमजोक के बीच भारत ने डूम चेले (प्राचीन व्यापार बिंदु) को खो दिया। भौगोलिक आधार पर देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र लद्दाख का प्रतिनिधित्व करने वाले जामयांग सेरिंग नामग्याल विगत वर्ष तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर जोरदार बहस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी अपना प्रशंसक बना लिया था। इस युवा सांसद ने अनुच्छेद 370 के खात्मे के समर्थन में जो तर्क दिए, उसने सबको दाँतों तले उंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया।
स्मरण रहे कि पहली बार चुनकर संसद में पहुंचे जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा के दौरान तथ्यात्मक ढंग से अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामग्याल के भाषण को ट्वीट करते हुए लिखा था- लद्दाख के भाई-बहनों की अपेक्षाओं को उन्होंने सामने रखा है, जरूर सुनें। भूरे रंग के लद्दाख के पारंपरिक परिधान में आए नामग्याल जब बोलने के लिए उठे तो आखिर तक उन्होंने अपनी भाषण कला से सभी को बांधे रखा. कभी वह तीखे अंदाज में किसी पर निशाना साधते तो कभी कविता के अंदाज में कुछ कहने लगते।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद मेज थपथपाते रहे और विपक्षी सांसद भी मंद-मंद मुस्कुराते दिखे। छात्र राजनीति में सक्रिय रह चुके नामग्याल का अंदाज भले ही थोड़ा चुटीला रहा हो मगर सरकार की ओर से पेश किए गए प्रस्तावों के पक्ष में उन्होंने पूरी गंभीरता से बात कही। उस समय सदन में खघ्ूब तालियां बजीं जब जामयांग सेरिंग ने कहा, कुछ लोग चिंतित हैं कि उनका झंडा चला गया। उन्हें बता दूं कि लद्दाख के लोगों ने 2011 में ही वह झंडा हटा दिया था। लद्दाख ऑटोनोमस हिल डिवलपमेंट काउन्सिल ने उसी समय प्रस्ताव पारित करके उसे हटा दिया था क्योंकि हम भारत का अटूट अंग बनना चाहते थे। लद्दाख ऑटोनोमस हिल डिवलपमेंट काउन्सिल के सदस्य रह चुके नामग्याल ने जब कहा- तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी यह पहचान। अपने भाषण का समापन करते हुए उन्होंने विपक्षी सांसदों की ओर देखते हुए कहा था, देश के लिए प्यार है तो जताया करो, किसी का इंतजार मत करो। गर्व से बोलो जय हिंद, अभिमान से कहो भारतीय हैं हम, स्वाभिमान से कहो- भारत माता की जय और वर्तमान में करो इस बिल का समर्थन।
जामयांग सेरिंग नामग्याल का जन्म 4 अगस्त 1985 को लद्दाख के माथो गांव में हुआ। जामयांग का परिवार बुद्धिज्म को मानता है। उनके पिता का नाम स्टैनजिन दोर्जी और माता का नाम ईशे पुतित है। जामयांग ने जम्मू यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है। जामयांग जम्मू में उस वक्त काफी चर्चा में आए थे, जब वे जम्मू विश्वविद्यालय के चर्चित छात्र लीडर बने। वे लद्दाख के छात्र संगठन ऑल लद्दाख स्टूडेंट एसोसिएशन के 2011-12 में अध्यक्ष रहे.छात्र संगठन के रास्ते उन्होंने राजनीति में कदम रखे। नामग्याल लेह से भाजपा के सदस्य के तौर पर सक्रिय राजनीति में उतरे. लद्दाख से। इसके पूर्व वे 2014 में सांसद चुने गए थुपस्तान चेवांग के निजी सचिव रहे हैं। इसके बाद 2015 में उन्होंने लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल का चुनाव लड़ा और जीते. वो लेह से काउंसलर या पार्षद चुने गए। नामग्याल लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के 2018 से 2019 के बीच चेयरपर्सन भी रहे। साथ ही समय-समय पर वो बीजेपी में कई पदों पर रह चुके हैं।
बताया जाता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में लद्दाख से भाजपा को एक युवा उम्मीदवार की तलाश थी। भाजपा ने जामयांग सेरिंग को लद्दाख से उम्मीदवार बनाया. जामयांग ने यहां से जीत हासिल कर पार्टी द्वारा अपने ऊपर किए भरोसे पर खरा उतरकर दिखाया। जामयांग सेरिंग ने डॉ. सोनम वांगमो से विवाह किया है। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ लेखक भी हैं। युवा सांसद सेरिंग कविताएं भी लिखते हैं. उनका एक कविता संग्रह साल 2013 में प्रकाशित हो चुका है. सेरिंग ने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे हैं. वह युवाओं और समाज से जुड़े मुद्दों पर काम करने में रुचि रखते हैं। उनकी इच्छा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करना है।
नामग्याल जिस लोकसभा सीट लद्दाख का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह देश का सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है। यह 1 लाख, 73 हजार 266 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। जबकि इतने क्षेत्र में केवल 1.59 लाख वोटर्स हैं। लोकसभा में पिछले वर्ष जामयांग सेरिंग नामग्याल ने भाषण से अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों का सीना गर्व से चैड़ा कर दिया था। उनकी तारीफ ने उस इलाके का मान बढ़ाया, जो दुनिया के सबसे खूबसूरत क्षेत्रों में एक है. लेकिन वहां की आवाज देश की मीडिया में कम ही सुनाई पड़ती।
भारतीय जनता पार्टी ने संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र लद्दाख में युवा नेतृत्व को पार्टी संगठन कमान सौंपकर जो भरोसा किया है, वह लोकतंत्र के विकास के लिए सराहनीय कदम कहा जा सकता है। परन्तु नामग्याल केवल इसी जिम्मेवारी के हकदार नहीं लगते। जिस प्रकार अरुणाचल से किरण रिजीजू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, उसी प्रकार लद्दाख के साथ ही साथ सिक्किम को केंद्रीय मन्त्रिमण्डल में प्रतिनिधित्व देना भविष्य के लिए उपयोगी हो सकता है। समीचीन होगा यदि युवा राजनीतिज्ञ नामग्याल से प्रेरणा प्राप्त करें।
(मानवेन्द्र नाथ पंकज-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)