बिहार के नेतरहाट में स्ट्राबेरी की खेती

बिहार के नेतरहाट में स्ट्राबेरी की खेती

लखनऊ। झारखंड की खूबसूरत वादियों के बीच बसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटनस्थलों में शुमार नेतरहाट के किसान अब स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे हैं फिलहाल यहां दो एकड़ भूमि पर खेती हो रही है लेकिन किसानों को आने वाले समय में इससे अच्छे आर्थिक लाभ की उम्मीद जगी है। झारखंड की राजधानी से करीब 100 किलोमीटर दूर नेतरहाट आए दक्षिण भारत के किसान श्रीनिवासन राजू ने यहां के किसानों के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती की पहल की, जिसे यहां के किसानों ने भी अपनाया. कहा जा रहा है कि नेतरहाट की जलवायु और भूमि स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त है।

श्रीनिवासन कहते हैं कि फिलहाल उन्होंने अपनी 2 एकड़ खेतों में स्ट्रॉबेरी की खेती प्रारंभ की है उन्हें उम्मीद है कि इससे बढ़िया लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती की पहल वर्ष 2018 में झारखंड के तत्कालीन पथ निर्माण विभाग के सचिव के.के.सोन ने की थी. लातेहार के उपायुक्त रहे सोन ने तब नेतरहाट में अधिकारियों के साथ बैठक की थी और नेतराहट में 25 एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती करवाने का निर्देश दिया था। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह नेतरहाट में नाशपति की खेती को देखने के लिए पर्यटक आते हैं वैसे ही स्ट्रॉबेरी की खेती को भी बढ़ावा दें, जिससे पर्यटक इसकी खेती देखने के लिए भी आएं। किसान श्रीनिवासन कहते हैं कि आमतौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती दिसंबर से फ रवरी तक होती है लेकिन नेतरहाट के मौसम में मार्च, अप्रैल और अक्टूबर, नवंबर में भी स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां गर्मी कम पड़ती है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वे 12 वर्षो से इस क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती का प्रयोग कर रहे हैं, जिसके बाद अब स्ट्रॉबेरी की खेती बड़े पैमाने पर प्रारंभ की गई है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यहां एक एकड़ में पांच टन स्ट्रॉबेरी का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर मौसम अनुकूल रहा है तो यहां एक एकड़ में आठ से दस टन तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर बाजारों में 500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से स्ट्राबेरी बेची जाती है. लातेहार जिला के .षि पदाधिकारी अंजनी कुमार मिश्रा ने भी इस पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी की खेती की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने वालों किसानों को विभाग हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए तत्पर है।

ऐसा नहीं कि लातेहार और पलामू जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है. पलामू जिले के हरिहरगंज थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कउवाखोह गांव में भी स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है. इससे दर्जनों मजदूरों को रोजगार भी मिला. इसके अलावा पलामू जिला से सटे बिहार के औरंगाबाद के अंबा के भी किसानों द्वारा स्ट्रॉबेरी की खेती कर ना, केवल अच्छा मुनाफो कमाया जा रहा है बल्कि अन्य लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। इस प्रकार सब्जी और फल उगाकर जहां हम अपने देशवासियों के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते है वहीं, इससे अन्य खर्चें के लिए पैसा भी मिलता है।

(हिफी))

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