जयराम ठाकुर की सतर्कता

जयराम ठाकुर की सतर्कता

लखनऊ। अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी का संक्रमण रोकने के लिए राज्य की सीमाओं को सील कर दिया था। इस पर कांग्रेस के साथ भाजपा ने भी हंगामा खड़ा कर दिया था। केन्द्रशासित दिल्ली की सरकार केन्द्रीय गृहमंत्रालय के अधीन काम करने वाले उपराज्यपाल (एलजी) के इशारे पर काम करती है, इसलिए एलजी ने सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था। इसका नतीजा अच्छा नहीं रहा था और दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बहुत बढ गया था । अरविंद केजरीवाल सरकार ने निश्चित रूप से अच्छी व्यवस्था की जिससे बीमारी नियंत्रण में आ गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके लिए दिल्ली सरकार की तारीफ की थी। अब हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने भी कोरोना पर नियंत्रण रखने के लिए राज्य में आने वालों की संख्या को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।

हिमाचल में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गत 14 जुलाई को 23 कोरोना पॉजिटिव मरीज आए हैं। चंबा में सात, बिलासपुर तीन, ऊना में तीन, शिमला-कांगड़ा में दो-दो, सोलन में पांच और किन्नौर में एक मामला आया है। चंबा जिले में सेना और आईटीबीपी के तीन जवानों समेत सात पॉजिटिव पाए गए हैं। ये लोग केरल और रुड़की से लौटे थे। इनमें केरल से खड़ाघाट समोट लौटा सैन्य जवान, उसकी पत्नी और और दो बच्चे भी पॉजिटिव हुए हैं। सीएमओ चंबा डाॅ। राजेश गुलेरी ने इसकी पुष्टि की है। उधर, हिमाचल के सिरमौर जिले में पांवटा का एक मजदूर चंडीगढ़ में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। संक्रमित छह जुलाई से ईएसआई अस्पताल में उपचाराधीन था। वहीं, सोलन जिले में पांच कोरोना मामले आए हैं। नालागढ़ में एक गर्भवती महिला समेत दो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन दोनों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने रैंडम आधार पर लिये थे जिसमें दोनों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। शाम को जिले में तीन और पॉजिटिव केस आए, जिनमें एक पुलिसकर्मी, जबकि दो अन्य बद्दी के उद्योग के कामगार हैं। कांगड़ा जिले में भी शाम को दो नए मामले आए हैं। छतरी का 23 वर्षीय युवक और 70 वर्षीय बुजुर्ग पॉजिटिव पाया गया । दोनों पहले से कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए बताए जाते हैं। संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर डाढ़ और जोनल अस्पताल धर्मशाला शिफ्ट किया जा रहा है। डीसी राकेश प्रजापति ने मामलों की पुष्टि की है। जिले में उसी दिन सात और मरीज ठीक हो गए हैं। शिमला जिले में भी दो कोरोना के मामले सामने आए हैं। दोनों लोग जम्मू-कश्मीर के हैं। इनमें एक सेब खरीदने आया लदानी और एक मजदूर है। ऊना जिले से कोविड जांच के लिए भेजे सैंपलों में से तीन नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इसके अलावा दो संक्रमितों के फॉलोअप सैंपलों में से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव और एक की निगेटिव है। संक्रमित मामलों में से पहला पॉजिटिव मामला गगरेट उपमंडल के अमलैहड़ का है। यहां 22 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव आया है। वह महाराष्ट्र के रायगढ़ से लौटा था। उसे संस्थागत क्वारन्टीन किया गया था। दूसरा पॉजिटिव मामला गगरेट उपमंडल के बेहड़ पतेहड़ का 27 वर्षीय युवक पॉजिटिव आया है। वह भी महाराष्ट्र के रायगढ़ से लौटा था। उसे संस्थागत क्वारंटीन किया था। तीसरा संक्रमित मामला गगरेट उपमंडल के गांव मावा सिंधियां का है। यहां नवागांव गुजरात से लौटा 22 वर्षीय युवक पॉजिटिव पाया गया है। उसको भी संस्थागत क्वारंटीन किया था। सीएमओ रमन शर्मा ने कहा कि जिला में संक्रमितों की संख्या 144 हो गई है। इसमें से 109 स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 35 एक्टिव मामले हैं। उन्होंने बताया कि तीनों संक्रमितों को कोविड सेंटर खड्ड में शिफ्ट किया जाएगा। किन्नौर में भी कोरोना का एक और मामला आया है। आईटीबीपी का जवान पॉजिटिव पाया गया है।

बिलासपुर जिले में 14 जुलाई की देर रात तीन कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं। संक्रमितों में दो बिहार और एक दिल्ली से लौटा हैै। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। प्रकाश दरोच ने बताया कि चार जुलाई को बिहार से आया 31 साल का युवक बंदला हाइड्रो कॉलेज की साइट पर क्वारंटीन था। जबकि बिहार से आया 23 साल का एक अन्य युवक भी हाइड्रो कॉलेज साइट पर क्वारंटीन था। इसके अलावा दिल्ली से तीन जुलाई को आई 38 साल की महिला घुमारवीं के एक निजी होटल में संस्थागत क्वारंटीन थी। इन तीनों को इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर चांदपुर शिफ्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही हिमाचल में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1308 पहुंच गया है। सक्रिय मामले 351 हैं। 933 कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना से नौ की मौत हुई है। 13 मरीज राज्य के बाहर शिफ्ट हो गए हैं। कोरोना के एकदम ज्यादा मामले सामने आने के बाद औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के आधा दर्जन उद्योग सील कर दिए गए हैं। रिगले उद्योग में एक साथ सामने आए 63 मामलों के बाद निमंत्रण रिजॉर्ट में क्वारंटीन कामगारों के लिए इसे ही कोविड सेंटर बना दिया है। एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा ने बताया कि नालागढ़ के सारा टेक्सटाइल उद्योग, रिगले, विनसम, अरिहंत, लेमटेक सहित एक प्लास्टिक उद्योग को सील कर दिया है। विनसम उद्योग का एक हिस्सा बंद किया है, जबकि सनोक्स को अभी सील नहीं किया है। इस उद्योग में ठेकेदार सहित तीन लोग पॉजिटिव निकले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी कामगारों के टेस्ट लेने की कसरत तेज कर दी है। साधुपुल में पार्टी कर रहे शिमला के सात युवकों पर एफआईआर कोविड-19 के तहत जारी निर्देशों की पालना न करने पर सात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये युवक 13 जुलाई की रात करीब 9 बजे साधुपुल नदी के किनारे पार्टी कर रहे थे, जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कार्रवाई को अंजाम दिया। लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि साधुपुल नदी के किनारे कुछ युवक पार्टी कर रहे हैं। जोर से म्यूजिक भी लगाया हुआ है। पुलिस मौके पर पहुंची तो शिमला के सात युवकों को नदी किनारे बैठकर शराब का सेवन करते हुए पाया गया।

इसीलिए राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के चलते सरकार ने फिर से सूबे में एंट्री के नियमों में बदलाव किया है। अब सीधे प्रदेश में दाखिल नहीं हो पाएंगे। एक बार फिर से रजिस्ट्रेशन के बाद अधिकारी परमिशन देंगे। सरकार ने गत 14 जुलाई को यह फैसला लिया है।सरकार का तर्क है कि बड़ी संख्या में लोग फर्जी और झूठी जानकारी देकर प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं। ऐसे में फिर से नियमों में बदलाव किया गया। इसके अलावा प्रदेश में आने वाले लेबर भी अब क्वारंटीन किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वैश्विक कोरोना महामारी की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि अनलाॅक की प्रक्रिया आरम्भ होते ही प्रदेश में व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां बढ़नी आरम्भ हो गयी हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने बाहर से आने वाले कोविड के पाॅजिटिव मामलों में होने वाली वृद्धि के मद्देनजर निर्णय लिया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले औद्योगिक मजदूरों को संस्थागत या होम क्वारंटीन किया जाएगा। इसका पूर्ण दायित्व लेबर के ठेकेदारों और व्यापारिक संस्थानों के मालिकों का होगा। उन्हें संस्थागत क्वारंटीन के सभी तय दिशा-निर्देशों एवं मानकों के अनुपालन के साथ आगंतुक की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही कार्य करने की अनुमति दी जायेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इस समय प्रदेश आगमन पर ई-पास नहीं दिए जा रहे हैं। बाहर से आने वालों द्वारा दी जा रही जानकारी को आधार मानकर उन्हें पंजीकृत कर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। ऐसी स्थिति में बहुत से लोग अपना पता गलत बता रहे हैं और अन्य विवरण भी गलत भर रहे है। उन्होंने कहा कि नियमों में परिवर्तन करते हुए अब प्रत्येक आगंतुक को अपनी वांछनीय सूचना सत्यापित करनी होगी, जिसके लिए अधिकारियों को प्राधिकृत कर दिया गया है।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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