जब मयंक के मेंटर बन गए कोहली
सिडनी। भारतीय कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 17 दिसम्बर होने वाले पहले डे-नाईट टेस्ट मुकाबले से पूर्व यहां ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच के दौरान सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के लिए नेट्स पर मेंटर बन गए और विराट की सलाह का मयंक को पूरा फायदा मिला।
मयंक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मुकाबलों की टेस्ट सीरीज में शामिल है। मयंक ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ पिछले सप्ताह खेले गए पहले अभ्यास मैच में नहीं खेले थे और दिन रात्रि के दूसरे अभ्यास मैच की पहली पारी में मात्र दो रन बनाकर आउट हो गए थे। विराट ने नेट अभ्यास में मयंक की बल्लेबाजी पर खास तौर पर नजर रखी और उन्हें गलती सुधारने की सलाह दी। विराट के मार्गदर्शन का मयंक का फायदा भी मिला और उन्होंने दूसरी पारी में 120 गेंदों का सामना करते हुए दो छक्कों और चार चौकों की मदद से 61 रन बनाये।
विराट ने अभ्यास मैच से पहले शुक्रवार को मयंक के साथ नेट्स पर आधा घंटा बिताया और इस दौरान उन्होंने मयंक को कहा, ''मेरे बिना कुछ बताये तुमने आखिरी कुछ गेंदों को अच्छे से सामना किया।'' विराट के मार्गदर्शन से मयंक भी काफी अच्छा महसूस करते हुए दिखाई दिए और इसका नतीजा उनकी बल्लेबाजी में भी दिखा।
मयंक ने विराट के सलाह-परामर्श के लावा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का भी नेट्स में सामना किया और इस दौरान ऑफ़ स्टंप के बाहर कई शॉट्स खेलते हुए उनके बल्ले से कई गेंद किनारा लग कर भी गई जिसके बाद वह खुद को कुछ समझाते हुए भी दिखे। मयंक नेट्स में जिस गेंदों का सामना कर रहे थे वो उसी तरह थी जो ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज सीन एबॉट ने उन्हें सिडनी के अभ्यास मैच गुलाबी गेंद से डाली थीं।
इस तरह की गेंदों का सामना करते हुए मयंक बड़ी अजीब स्थिति में आ रहे थे और कई बार गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर पहली स्लिप की तरफ जा रही थी। मयंक को इस तरह थोड़ा परेशान देख विराट ने सलामी बल्लेबाज के पास खुद जा कर मदद करने की पहल की ताकि जो वो गलती कर रहे है उसे सुधारा जा सके।
विराट ने मयंक से इस दौरान नेट्स से पहले दस मिनट बात की जिसके बाद वह खुद भी बल्लेबाजी अभ्यास करने चले गए। इसके बाद भी मयंक जब संघर्ष करते हुए दिखे तब मौजूदा क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक विराट ने कुछ ही गेंदों को देखने के बाद मयंक को बताया कि जब वह सीने की तरफ आती हुई गेंदों का सामना करते है तब उनके पंजे हवा में चले जाते है। विराट ने मयंक को बताया कि कई बार गेंदों का सामना करते हुए उनकेपिछले पांव या तो हवा में चला जाता है और फिर स्थिर नहीं होता जिसके कारण गेंद बल्ले का किनारा लेकर चली जाती है।
रन मशीन विराट से बातचीत के बाद ऐसा लग रहा था जैसे मयंक को इसी सलाह का इंतजार था। भारतीय कप्तान की इस सलाह पर अमल करते हुए मयंक ने पिछले पांव को छोटी गेंद खेलने के दौरान जमीन पर ही लगाए रखने का प्रयास किया जिसका नतीजा यह हुआ कि मयंक अच्छी स्थिति में आने लगे।
विराट हालांकि यही नहीं रुके और उन्होंने स्टंप्स के पीछे से मयंक को बल्लेबाजी करते हुए भी परखा और उसके बाद उन्होंने मयंक को बताया कि यह सुनिश्चित करें कि उनकी दोनों आंखें गेंदबाज का सामना कर रही हों जिससे पिच पर टप्पा खाने के बाद गेंद बेहतर तरीके से दिखे।
मयंक के पास इस सीरीज के पहले ही मैच में टेस्ट में 1000 रन पूरे करने का मौका है जिससे वह मात्र 26 रन दूर हैं। मयंक ने अब तक 11 टेस्टों में 57.29 के औसत से 974 रन बनाये हैं जिसमें तीन शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं।
वार्ता