टोक्यो ओलंपिक- हॉकी में वंदना की हैट्रिक ने किया मेरठ का नाम रोशन
मेरठ। टोक्यो ओलंपिक में साउथ अफ्रीका की महिला हॉकी टीम को 4-3 से हराने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य वंदना ने अपने शानदार खेल से जहां अपनी टीम के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को बरकरार रखा है। वही हैट्रिक लगाकर वंदना ने मेरठ का नाम भी रोशन किया है। आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन के बीच होने वाले ग्रुप-ए के मुकाबले से क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीमों का फैसला होगा। टोक्यों में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में हॉकी मुकाबले में वंदना हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गई है।
मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया की खेल प्रतिभा को मेरठ से ही नया आकाश मिला है। हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच प्रदीप चिन्योटी ने बताया है कि वर्ष 2003 के दौरान हुए एक सामान्य मुकाबले में उन्होंने वंदना की खेल क्षमता देखी थी। उस समय देखकर ऐसा लगा था कि यह बच्ची आगे चलकर बहुत कुछ अच्छा कर सकती है। केवल उसके खेल को निखारने की जरूरत है। वर्ष 2003 में प्रदीप चिन्योटी उत्तराखंड से वंदना को अपने साथ मेरठ ले आए। यहां एनएएस नानक चंद एंगलो सोसाइटी डिग्री कॉलेज के मैदान पर कोच प्रदीप चिन्योटी ने वंदना का प्रशिक्षण शुरू कराया। इस बीच वंदना के खेल में काफी निखार आया। इसके बाद प्रदीप चिन्योटी ने वंदना को वर्ष 2006 में केडी सिंह बाबू लखनऊ में दाखिल कराया। कोरोना काल में वंदना कटारिया ने अप्रैल में अपने पिता नाहर सिंह कटारिया को खो दिया। कोरोना से पिता की मौत के बाद भी वंदना हारी नहीं और अपनी प्रतिभा के बल पर टोक्यो ओलिंपिक का टिकट हासिल कर लिया। भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल फारवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया को 2007 में चतुर्थ शेख फहद हिरोशिमा-एशिया यूथ स्पोर्ट्स एक्सचेंज प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था।