फर्जी निकली बिजली विभाग की रेड- एमडी समेत अब इतने अफसरो पर तलवार
बुलंदशहर। बिजली कारोबारी के प्रतिष्ठान पर तकरीबन 50 घंटे तक की गई छापामार कार्यवाही अदालत में अब फर्जी पाई गई है। एक्सईएन की अगुवाई में की गई इस छापामार कार्यवाही को हाईकोर्ट द्वारा फर्जी करार दिया गया है। बिजली कारोबारी के प्रतिष्ठान से बरामद हुए माल को चोरी का होना बता रहे बिजली विभाग से अब अदालत ने पूछा है कि जब सामान के जीएसटी बिल मौजूद हैं तो वह चोरी का कैसे हुआ?
दरअसल वर्ष 2020 में बिजली विभाग की ओर से जनपद बुलंदशहर के खुर्जा स्थित बिजली कारोबारी सूर्य एंटरप्राइजेज लिमिटेड प्रतिष्ठान पर छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया गया था। एक्सईएन धीरेंद्र कुमार की अगुवाई में की गई यह छापामार कार्यवाही तकरीबन 50 घंटे तक चली थी। बिजली विभाग की टीम ने प्रतिष्ठान से मिले माल को चोरी का होना बताते हुए थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे कारोबारी ने अदालत के सामने चोरी का होना बताए जा रहे माल के जब जीएसटी बिल पेश किए तो अदालत का माथा ठनका और हाईकोर्ट ने बिजली विभाग की इस छापामार कार्यवाही को फर्जी करार देते हुए कहा कि जब बिजली के सामान के कारोबारी के पास जीएसटी बिल मौजूद हैं तो वह चोरी का कैसे हुआ? पूरे मामले में विवेचना अधिकारी इंस्पेक्टर इंद्रपाल सिंह को हाईकोर्ट द्वारा तलब किया गया है जिन्हें 19 अक्टूबर को इस मामले में हाई कोर्ट के सम्मुख चार्ज शीट दाखिल करनी है।
अदालत की ओर से 50 घंटे की छापामार कार्यवाही को फर्जी करार दिए जाने के बाद अब इस मामले में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मेरठ के एमडी एवं डायरेक्टर समय तकरीबन 45 बिजली अधिकारी बुरी तरह से चौतरफा घिर गए हैं। छापामार कार्यवाही में शामिल यह सभी अवसर फिलहाल गाजियाबाद बुलंदशहर नोएडा हापुड़ सहारनपुर आदि जनपदों में तैनात र्हैं।