ICC की पीडब्ल्यूसी भर्ती जांच के दायरे में
दुबई । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के निलंबित मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनु साहनी की ओर से सोमवार को अपने ऊपर लगे आरोपों पर तीखें पलटवार के बाद मंगलवार को नया मामले सामने आया है। मामला आईसीसी की ओर से प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) एजेंसी की भर्ती का है जो जांच के दायरे में आई है।
आईसीसी की ओर से पीडब्ल्यूसी की भर्ती और उसकी सांस्कृतिक मूल्यांकन रिपोर्ट जो साहनी के निलंबन का आधार बनी है पर नए विवरण सामने आए हैं। वहीं ब्रिटेन के प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी एवं आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनु साहनी के बीच आंतरिक आदान-प्रदान में शामिल पाए जाने को लेकर पकड़े जाने की बात सामने आई है।
यह सामने आया है कि आईसीसी द्वारा पीडब्ल्यूसी को उचित निविदा प्रक्रिया के बिना काम पर रखा गया था, जो विश्व निकाय के शीर्ष क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है। इसके अलावा महिला स्वतंत्र निदेशक इंदिरा नुई सहित आईसीसी बोर्ड के कुछ सदस्यों ने समीक्षा को लेकर चिंता जताई है और निर्देश दिया है कि सीईओ को समीक्षा में बारीकी से शामिल होना चाहिए, हालांकि इस अनुरोध पर विचार नहीं किया गया है।
ब्रिटेन की इस एजेंसी के साथ जुड़ाव ने एक नए विवाद को जन्म दिया है। सामने आया है कि आईसीसी के निदेशकों में से एक का रिश्तेदार एजेंसी के साथ कार्यरत है। रिपोर्ट को गोपनीय रखे जाने का एक लंबा मुद्दा भी रहा है। यहां तक कि इसे 15 निदेशकों में से अधिकतर निदेशकों को नहीं दिखाया गया है। आईसीसी और साहनी द्वारा नियुक्त कानूनी फर्म के ई-मेलों से पता चला है कि केवल तीन निदेशकों को इसकी पहुंच दी गई थी। स्वयं साहनी को रिपोर्ट के केवल एक हिस्से तक पहुंच प्रदान की गई थी। आईसीसी ने इसकी पुष्टि भी नहीं की है कि उसके डिप्टी चेयरमैन इमरान ख्वाजा को एक प्रति प्रदान की गई थी या नहीं।
आईसीसी के प्रवक्ता और संबंधित निदेशकों ने इस बारे में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है, हालांकि आईसीसी ने पहले इस बारे में एक बयान में कहा था, " हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि प्रक्रिया अभी भी जारी है और हम इसके पूरा होने के बाद ही टिप्पणी करने की स्थिति में होंगे। "
वार्ता