इंडिया की जीत को लेकर हार्दिक पांड्या ने कही ये बात
नई दिल्ली। आईसीसी टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के ऊपर भारत की रोमांचक जीत में विराट कोहली के साथ शतकीय साझेदारी करने वाले हार्दिक पांड्या ने कहा है कि साझेदारी में उनके संघर्ष ने जीत को और खास बना दिया।
पाकिस्तान की ओर से रखे गये 160 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के चार विकेट 31 रन पर ही गिर गये थे। इसके बाद कोहली-हार्दिक ने संयम के साथ 113 रन की साझेदारी की जिसके दम पर भारत ने जीत हासिल कर ली।
हार्दिक ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से जारी वीडियो में कहा, " मुझे उनकी पारी में जो बात सबसे ज्यादा पसंद आई, वह यह कि हमने संघर्ष किया। हम साथ में संघर्ष कर रहे थे। यह इतना खास था क्योंकि हम एक साथ संघर्ष कर रहे थे। अगर हम ताबड़तोड़ खेलते हुए लक्ष्य तक पहुंच जाते तो यह इतना खास नहीं होता। आप (कोहली) कुछ असाधारण शॉट खेलते, मैं प्रवाह में खेलता और हम लक्ष्य तक पहुंच जाते। यह जीत खास थी क्योंकि हम जानते थे कि हमें संघर्ष करना होगा। "
भारत को जीत के लिये 12 गेंदों पर 31 रन चाहिये थे और कोहली ने हारिस रऊफ के 19वें ओवर में दो छक्के जड़कर आखिरी ओवर के लिये सिर्फ 16 रन छोड़े। हार्दिक ने कहा कि हारिस की गेंद पर लगाए गए दो छक्के उनके दिल के बहुत करीब हैं।
हार्दिक ने कहा, "मुझे पता था कि वे दो शॉट कितने महत्वपूर्ण थे। सच कहूं, अगर आप (कोहली) चूक गए होते, तो वे (पाकिस्तान) हमसे आगे ही थे। "
पांड्या ने कहा, " मैंने बहुत सारे छक्के मारे हैं, लेकिन वे दो छक्के मेरे दिल में अब विशेष स्थान रखते हैं। मैंने बहुत क्रिकेट खेला है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि कोहली को छोड़कर कोई भी वे दो शॉट खेल सकता था। "
सातवें ओवर में जब हार्दिक विकेट पर आए तो भारत ने के एल राहुल, रोहित शर्मा, सूर्य कुमार यादव और अक्षर पटेल के विकेट खो दिये थे। टीम को 83 गेंदों में 129 रनों की जरूरत थी। आने वाले बल्लेबाजों में दिनेश कार्तिक और रविचंद्रन अश्विन के बाद सिर्फ गेंदबाज थे।
हार्दिक ने कहा कि वह चारों ओर तनाव महसूस कर सकते थे, लेकिन वह 'यहां आकर खुश थे।'
हार्दिक ने कहा, " मैंने समूह में बहुत दबाव महसूस किया। बड़े खेलों में बहुत से लोग (दबाव महसूस करते हैं) और (जानते हैं) यह कितना महत्वपूर्ण है। हम सभी ने सामूहिक रूप से कड़ी मेहनत की है, और लोग एक-दूसरे के लिए खुश हैं। "
उन्होंने कहा, " मैं बहुत स्तब्ध था। जब मैं मैदान पर गया, तब कोच राहुल द्रविड़ ने मुझसे कहा कि मैंने बहुत कुछ किया है और मुझे बस शांत रहना है। मुझे उनसे कहना पड़ा कि मैं सिर्फ यहां आकर खुश हूं। दस महीने पहले मैं अपने ऊपर काम कर रहा था और बस यहां आना चाहता था। नतीजा जो भी हो, मैं यहां आकर बस खुश हूं। दुनिया के सभी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों के साथ खेल रहा हूं। "
हार्दिक उस समय जीत को लेकर संशय में थे, लेकिन उन्होंने कोहली से कहा कि अगर वे दोनों बड़ी साझेदारी करें और मैच को अंत तक लेकर जाएं तो भारत जीत सकता है। हार्दिक 113 रन की साझेदारी के बाद आखिरी ओवर की पहली गेंद पर आउट हो गया, हालांकि अश्विन ने विजयी रन बनाकर भारत को इस ऐतिहासिक मैच में लक्ष्य तक पहुंचा दिया।
वार्ता