बिना अचल संपत्ति के करोड़पति हैं योगी
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास संपत्ति के नाम पर कोई अचल संपत्ति नहीं है। उनके पास एक लाख रुपये की नकदी के साथ विभिन्न बैंक खातों में 1.54 करोड़ रुपये जमा राशि जरूर है।
योगी ने शुक्रवार को विधान सभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से बतौर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार अपने नामांकन दाखिल करते हुए चुनाव आयोग के समक्ष पेश हलफनामे में यह जानकारी दी है। हलफनामे के मुताबिक उनके पास जमीन या मकान सहित कोई अचल संपत्ति नहीं है और न ही उनके पास कोई वाहन है।
मुख्यमंत्री ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं होने की भी जानकारी दी है। उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता, उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल स्थित एनएन बहुगुणा विश्वविद्यालय से 1992 में विज्ञान स्नातक बतायी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकों में जमा राशि की जानकारी देते हुये बताया कि उनके दिल्ली, गोरखपुर और लखनऊ के बैंक खातों तथा डाक खाने में बचत के अलावा किसान विकास पत्रों के रूप में कुल एक करोड़ 54 लाख 94 हजार 54 रुपये हैं। चल संपत्ति के रूप में मुख्यमंत्री योगी के पास एक लाख रुपये कीमत की एक रिवॉल्वर, 80 हजार रुपये की एक राइफल, सोने के कुंडल (49 हजार रुपये), सोने की एक चेन (20 हजार रुपये) और 12 हजार रुपये का सेमसंग कंपनी का एक मोबाइल फोन है।
उनके बैंक खातों में लखनऊ स्थित एसबीआई की विधान सभा शाखा में 67 लाख 85 हजार रुपये, दिल्ली स्थित एसबीआई की संसद भवन शाखा में 25 लाख 99 हजार 171 रुपये, गोरखपुर स्थित पीएनबी की इंडस्ट्रियल एरिया शाखा में 04 लाख 32 हजार 751 रुपये, एसबीआई की गोरखनाथ शाखा में 7,908 रुपये जमा हैं। इसके अलावा एसबीआई की संसद भवन शाखा में सावधि जमा खाते में 08 लाख 37 हजार 485 रुपये और गोरखपुर में पीएनबी के सावधि जमा खाते में 07 लाख 12 हजार 636 रुपये जमा हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास दिल्ली में संसद मार्ग स्थित डाक घर की राष्ट्रीय बचत योजना में 35 लाख 24 हजार 708 रुपये जमा हैं। वहीं, गोरखपुर के डाक घर में किसान विकास पत्रों के रुप में 2.33 लाख रुपये की बचत राशि है। इन सबको मिलाकर योगी के पास 1.54 करोड़ रुपये की जमा राशि है। उन्होंने हलफनामे में अपने आय के स्रोत के रूप में जनप्रतिनिधि होने के नाते मिले वेतन भत्तों को दर्शाया है।
मुख्यमंत्री ने हलफनामे में आयकर विवरण के आधार पर पिछले पांच साल के दौरान दर्शायी गयी आय का ब्यौरा देते हुए बताया है कि 2016-17 में उन्हें आठ लाख 40 हजार 998 रुपये की आय हुयी। यह 2017-18 में बढ़कर 14 लाख 38 हजार 670 रुपये हो गयी, जबकि 2018-19 में यह 18 लाख 27 हजार 639 रुपये हुई। इसके बाद बीते दो सालों में उनकी आय घटकर 2019-20 में 15 लाख 68 हजार 79 रुपये और 2020-21 में 13 लाख 20 हजार 653 रुपये रह गयी।
वार्ता