विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे कार्यकर्ता : अनुप्रिया पटेल
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कार्यकर्ताओं को अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया।
अपने पिता एवं पार्टी संस्थापक डॉ.सोनेलाल पटेल की 72वीं जयंती को आज 'स्वाभिमान दिवस' के तौर पर मनाते हुये श्रीमती पटेल ने पंचायत चुनाव में जीते सभी जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्रीय पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों को बधाई दी और कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए 'बंद मुट्ठी' की तरह एकजुट होकर डॉ. पटेल के विचारों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होने कार्यकर्ताओं को 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने हर गांव में लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर ओबीसी मंत्रालय के गठन की मांग को दोहराते हुये उन्होने कहा " हमने पिछड़ों की समस्याओं के निदान के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग मंत्रालय के गठन की मांग की है और इस मांग को लगातार अपनी सभाओं में उठा रही हूं। "
उन्होने मांग करते हुये कहा कि अखंड भारत के निर्माता लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल के नाम पर दिल्ली में राष्ट्रीय मेमोरियल का निर्माण किया जाए। किसानों की समस्याओं के निदान के लिए पार्टी लगातार लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद में आवाज उठा रहा है। किसानों के बेहतर जीवन के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को ठीक से लागू करना चाहिए ताकि उन्हें फसल का वाजिब कीमत मिल सके और उनका जीवन बेहतर हो सके।
अनुप्रिया पटेल ने कहा " हमने संसद में बाबा ज्योतिबा फुले एवं माता सावित्री बाई फुले को भारत रत्न दिए जाने की मांग की, माता सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय महिला साक्षरता दिवस घोषित करने की मांग की। इसके अलावा समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े निषाद, कोल, बियार, डोम समाज के लोगों की समस्याओं को संसद में प्रमुखता से उठाया। "
उन्होने कहा कि पार्टी आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बार-बार हो रहे बदलाव को संसद में प्रमुखता से उठा रही है। चाहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का सामान्य से ज्यादा कट ऑफ हो अथवा 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला, या मेडिकल में आरक्षण का मामला। इन सभी महत्वपूर्ण विषयों पर हमने अपना दल एस की तरफ से बार-बार संसद में आवाज उठाई गयी है।
वार्ता