प्रियंका से क्यों डर रही है सरकार - 30 घंटे से हिरासत में
लखनऊ। 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में जिस तरह से किसानों को कुचलने का केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप के बाद जिस तरह से उत्तर प्रदेश की सियासत गरमाई, तो कांग्रेस की महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी इसकी सूचना मिलते ही लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ितों से मिलने का के लिए दिल्ली से निकल पड़ी।
प्रियंका गांधी के लखीमपुर खीरी पहुंचने की खबर से उत्तर प्रदेश सरकार के कान खड़े हो गए और उन्होंने प्रियंका गांधी को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन का अमला प्रियंका गांधी के पीछे लगा दिया। लखनऊ स्थित कॉल हाउस से जब प्रियंका गांधी निकलने के लिए बाहर आई तो पुलिस ने उनको बाहर निकलने से मना कर दिया लेकिन प्रियंका गांधी नहीं मानी और वह पुलिस को धता बताते हुए लखीमपुर खीरी के लिए निकल पड़ी। पुलिस और प्रियंका गांधी के बीच लखनऊ से सीतापुर तक जिस तरह की आंख मिचौली का खेल चला। उसमें प्रियंका पुलिस पर भारी पड़ती दिखाई पड़ी। सीतापुर जाकर पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया और सीतापुर के पीएसी कैंपस में गिरफ्तार करके रख लिया।
इसके बाद प्रियंका गांधी सरकार से लगातार सवाल पूछती रही कि एफआईआर की कॉपी दिखाओ या किस अपराध में मुझे यहां रखा गया है, लेकिन सरकार और पुलिस की तरफ से चुप्पी साध ली गई है। प्रियंका गांधी ने जिस तरह से घटना की सूचना मिलते ही लखीमपुर खीरी जाने का प्लान बनाया और उन्होंने सुबह का इंतजार न करते हुए जिस तरह रात में ही निकल पड़ी। उससे कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश के बाकी विपक्ष को मात देते हुए प्रियंका गांधी ने बड़ा मोर्चा संभाला।
4 अक्टूबर को जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने अखिलेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा एवं भीम आर्मी के चंद्रशेखर को जिस तरह से हिरासत में लेकर दोपहर बाद जब किसान और सरकार के बीच मंत्री के बेटे पर एफआईआर दर्ज होने मृतकों के परिजनों को 45 - 45 लाख रुपये और सरकारी नोकरी का समझौता हो गया, रिहा कर दिया लेकिन प्रियंका गांधी को रिहा नहीं किया गया।
दरअसल प्रियंका गांधी को रिहा ना करने की सबसे बड़ी वजह है कि प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी जाए बिना नहीं लौटेगी। सरकार जानती है इसीलिए सरकार जब तक मृतक किसानों का अंतिम संस्कार नहीं हो जाता तब तक प्रियंका को रिहा करने के मूड में नहीं है। प्रियंका गांधी ने कल भी जिस पीएसी कैम्पस की कमरे में उनको हिरासत में रखा गया है। उसकी सफाई करते हुए उनका वीडियो जब आया तो कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्होंने अपना वर्चस्व बढ़ाया है । उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार यह सवाल उठाए कि 30 घंटे से अधिक समय बाद भी उनको क्यों रिहा नहीं किया गया है। सरकार बताए कि उनके खिलाफ किस आरोप में एफआईआर है ।