प्रियंका की पोस्ट पर विष्णुदत्त ने जतायी आपत्ति
भोपाल। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की घटना के संदर्भ में आज की सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कौन सी राजनैतिक मजबूरियों के चलते कांग्रेस नेता अपराधियों के संरक्षण में खड़े होते हैं।
प्रदेश भाजपा की ओर से जारी विज्ञप्ति में शर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू महिला के साथ वीभत्स घटना हो जाती है, उस पर “प्रियंका” मौन साध लेती हैं, देश में जैसे ही दंगाइयों और पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई होती है, तो उनके समर्थन में “प्रियंका” जैसे कांग्रेसी नेता निकल आते हैं। कांग्रेस की ऐसी क्या राजनैतिक मजबूरियां हैं कि अपराधियों के अवैध निर्माण को संरक्षण और क्लीनचिट देना पड़ता है।
खजुराहो संसदीय क्षेत्र के सांसद शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र के अधीन आने वाले छतरपुर के संदर्भ में कहा कि कांग्रेस नेता को याद रखना चाहिए कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है। यहां सिर्फ कानून का राज चलता है। मध्यप्रदेश में “तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण” होता है। मध्यप्रदेश में अपराध और अपराधी का कोई रंग देख कार्रवाई नहीं की जाती है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार में अपराध करने वालों को जेल की सलाखों के भीतर पहुंचाया जाता है और उनके अवैध निर्माणों को ध्वस्त करके उनके हौंसलों को भी पस्त किया जाता है।”
इसके पहले वाड्रा ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, “अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है। लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना, यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है। कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है। जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुल्डोजन न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।”
दरअसल हाल ही में महाराष्ट्र की एक घटना के संदर्भ में एक समुदाय विशेष के लोगों की भीड़ छतरपुर जिला मुख्यालय स्थित कोतवाली थाने में पुलिस को ज्ञापन देने पहुंची थी। इसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस वजह से कम से कम तीन पुलिस कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने बलप्रयोग कर भीड़ को तितरबितर किया। पुलिस ने कम से कम डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही मुख्य आरोपियों के महलनुमा मकान अवैध मानते हुए प्रशासन की मौजूदगी में ढहा दिए गए। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं और दो तीन दिनों से विभिन्न नेताओं के बयान भी आ रहे हैं।