बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री की ग्रामीणों ने की गांव में नो एंट्री-भेजा वापिस
बरेली। ग्राम समाज की तकरीबन 850 बीघा जमीन पर दबंगों की ओर से किए गए अवैध कब्जों से खफा हुए ग्रामीणों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद तथा क्षेत्र के विधायक को गांव के भीतर नहीं घुसने दिया और गांव के बाहर ही रोककर उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों की ओर से जमीन कब्जाने वाले दबंगों को भूमाफिया घोषित करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की जाने लगी। मामले को आगे बढ़ता हुआ देखकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके साथ गए विधायक रास्ते से ही वापस लौटने को मजबूर हो गए।
भारतीय जनता पार्टी के नेता नगर पंचायत में आयोजित पिछड़ा वर्ग की रैली में शामिल होकर लौटते समय रहपुरा जागीर में ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने जा रहे थे। लेकिन गांव में घुसने का विरोध करते हुए गांव वालों ने उनके सामने हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि जनप्रतिनिधि गांव वालों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं। माफिया लोगों ने गांव समाज की तमाम जमीन को कब्जाकर रखा हुआ है, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही नहीं की जा रही है। लंबे समय से उनका गांव सांसद आदर्श योजना के तहत चयनित है। इसके बावजूद गांव में विकास कार्य नहीं कराए गए हैं। सांसद और विधायक की अनदेखी की वजह से गांव की गलियां दलदल में तब्दील हो गई है। मुख्य मार्ग की हालत बेहद ही जर्जर है। केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि प्रशासन ने कमेटी बना दी है। अधिकारियों से बात कर गांव की समस्या का शीघ्र हल निकाला जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से भी समस्या के हल करने में सहयोग की अपील की। ग्रामीणों ने जवाबी सवाल किया कि हाईकोर्ट का स्टे चंद कब्जेदार लाए है। बाकी कब्जों को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। सांसद और विधायक ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अवैध कब्जे की निष्पक्ष कार्रवाई कराई जाएगी।