यूपी सरकार केवल बयानों में - लोग अपनी रक्षा खुद करें - रामगोविंद चौधरी
लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि वर्तमान समय में पूरा उत्तर प्रदेश गिद्धों के हवाले है जो आम आदमी को अपने अपने हिसाब से नोच रहे हैं, कहीं मास्क को लेकर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाकर तो कहीं जरूरी सामानों को ब्लैक करके। सूबे में सरकार केवल बयानों तक सीमित है। उन्होंने कहा है कि ऐसी विकट स्थिति का सामना करने के लिए लोग डॉक्टरों की सलाह माने। आपस में दो गज की दूरी और मुँह पर मास्क जरूरी का फार्मूला अपनाएं और अपनी तथा अपने परिवार की रक्षा खुद करें।
अपने आवास पर मंगलवार को हालचाल लेने व देने आए मित्रों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि कर्फ्यू और लाकडाउन हाँ और ना के बीच उत्तर प्रदेश में आम आदमी का कोई पुरसाहाल नहीं है। कोविड को छोड़िए, अधिसंख्य सरकारी अस्पताल इस समय सामान्य रोगों का भी इलाज बन्द कर दिए हैं। लोग मरीज को लेकर दर दर भटक रहे हैं। लोगों की इस मजबूरी का असामाजिक तत्व नाजायज लाभ उठा रहे हैं। जरूरी दवाएं बाजार से गायब हैं। कहीं मिल रही हैं तो मनमाने दाम पर। लोग मर रहे हैं। चारो तरफ केवल शोक की आवाज गूंज रही है। मरघट पर लकड़ी का रेट मनमाना हो गया है। अन्य जरूरी चीजों के दाम भी अचानक और अधिक बढ़ गए। इससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। इसे लेकर उच्चन्यायालय ने गम्भीर चिंता जतायी है। फिर भी सरकार कान में तेल डालकर सो रही है। उन्होंने कहा है कि ऐसे विकट समय में भाजपा की सरकारें आम आदमी को बचाने की जगह चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जितवाने में लगी हुई हैं। इसे लेकर देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने तो नैतिकता की सभी हदें पार कर दी हैं। ये लोग सीधे सीधे भाजपा के प्रचार मन्त्री के रूप में काम कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि ऐसी स्थिति की शिकायत आम आदमी दो जगह करता है। सबसे पहले चुनाव आयोग से जिसकी हालत किसी से छिपी नहीं है। इसके आला अफसर को रिटायर होने से पहले ही राज्यपाल पद का लाली पाप दे दिया गया है। यहाँ से न्याय नहीं मिलने पर आम आदमी कोर्ट जाता है जिसके फैसले को सभी लोग मानते हैं। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्य नाथ ने उच्च न्यायालय के ही फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। वह कोर्ट का आदेश मानकर स्थिति सुधारने की जगह उसे चुनौती देने में समय जाया कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि देश के हर नागरिक को मास्क लगाना चाहिए। जो लोग नहीं लगाएं, उनको चेक करिए। उन्हें मौके पर ही मास्क दीजिए और लगाने के बाद ही गंतब्य तक जाने दीजिए लेकिन इसे लेकर दस हजार रुपए का जुर्माना अंग्रेजी राज की याद दिलाने वाला है। मेरी नज़र में मास्क को लेकर यह दस हजार रुपए का जुर्माना केवल लूट नहीं, डकैती है। इसलिए कह रहा हूँ कि भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने इस फैसले को तुरन्त वापस लें। उन्होंने कहा है कि जिस दल के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री बिना मास्क लगाए चुनावी रैली को सम्बोधित किए हैं, खुद भी बिना मास्क लगाए मंच सुशोभित किए हैं, उस दल की सरकार को मास्क को लेकर आम आदमी पर जुर्माना लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश राम गोविन्द चौधरी ने कहा है कि यह समय राजनीति का नहीं है, चुनाव हारने जीतने का नहीं है, यह समय आपदा का मुकाबला करने का है, लोगों का जीवन बचाने का है, इसलिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील कर रहा हूँ कि वह इस आपदा के काल में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री के रूप में काम करने की जगह पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम करें। यही काम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी करें तो कोरोना का मुकाबला करने में सफलता मिलेगी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथियों से कहा है कि वे सभी लोग सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव का अनुसरण करें जिनके लिए राजनीति का मतलब केवल जनसेवा है।