जिला भाजपा में खटपट शुरू- बीजेपी नेता ने पद से दिया इस्तीफा

जिला भाजपा में खटपट शुरू- बीजेपी नेता ने पद से दिया इस्तीफा

मुजफ्फरनगर। जिला भारतीय जनता पार्टी के भीतर खटपट शुरू हो गई है। जिला अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज हुए बीजेपी नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और खुल्लम-खुल्ला कहा है कि जिला अध्यक्ष की गलत नीतियों से परेशान होकर वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं। मंगलवार को जनपद के राजनीतिक गलियारों में उस समय भारी गर्मी आ गई जब भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजेश सिंघल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

बाकायदा चिट्ठी भेजकर पद से दिए गए इस्तीफे में भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रहे राजेश संगल ने कहा है कि मैं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला की नीतियों के कारण और अपनी उपेक्षा से आहत होकर मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। राजेश संगल ने साफ किया है कि आज डीसीडीएफ यानी जिला सहकारी समिति का चुनाव हो रहा है और आगामी 23 जून को जिला सहकारी बैंक का भी चुनाव कराया जाएगा।

भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पद से इस्तीफा देने वाले राजेश संगल ने आरोप लगाया है कि डीसीडीएफ एवं जिला सहकारी बैंक के चुनाव के लिए प्रत्याशी के चयन को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही कोर कमेटी की बैठक बुलाकर उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया। राजेश संगल ने कहा है कि लगता है भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला को इस तरह के मामलों में मेरी जरूरत नहीं है, इसलिए मैं आज दुखी मन से अपनी उपेक्षा से आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला की अगुवाई में ही 18वीं विधानसभा के गठन के लिये हुए विधानसभा के इलेक्शन लड़े गए थे। इसके बाद नगर निकाय का चुनाव भी मौजूदा बीजेपी जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला की अगुवाई में ही लड़ा गया है। महत्वपूर्ण बात यह रही है कि जनपद की 6 विधानसभा सीटों में से केवल मुजफ्फरनगर सदर और खतौली विधानसभा सीट ही भारतीय जनता पार्टी के पल्ले में आ सकी थी जबकि बाकी बची 4 सीटों पर विपक्ष के उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे। बाद में खतौली विधायक विक्रम सैनी को हेट स्पीच मामले में मिली दो साल की सजा के बाद हुए उप चुनाव में यह सीट भी भाजपा के हाथ से चली गई थी।

ऐसा ही हाल बीजेपी का जनपद में नगर निकाय के चुनाव में रहा है जिसमें जनपद की दो नगर पालिका परिषद सीटों में से केवल मुजफ्फरनगर नगर पालिका की सीट ही भाजपा के हाथ लग सकी जबकि खतौली नगर पालिका परिषद की सीट रालोद-सपा-आसपा के खाते में गई है। वह बात अलग है कि खतौली नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शाहनवाज उर्फ लालू गलत जानकारियां देकर ओबीसी का प्रमाणपत्र बनवाने के चलते अधर में लटके हुए है। जनपद की नगर पंचायतों में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका है।

अब जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक ने अपनी उपेक्षा से आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दिया है, उसके चलते देखने वाली बात यह रह गई है कि क्या अब भाजपा में इस्तीफो का सिलसिला लंबा होगा या बीजेपी जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला अपने पद पर बरकरार बने रहेंगे।

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