अतुल के आमरण अनशन को फर्जी कहने वालों के मुंह पर लगा ताला

अतुल के आमरण अनशन को फर्जी कहने वालों के मुंह पर लगा ताला

मेरठ। महानगर के न्यूटिमा अस्पताल समेत अन्य निजी हॉस्पिटलों की लूट खसोट के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे सपा विधायक अतुल प्रधान के उपवास को फर्जी बताने वाले लोगों के मुंह पर सरकारी डॉक्टरों द्वारा की गई जांच ने ताला लगा दिया है। चिकित्सकों द्वारा की गई जांच में अतुल प्रधान का वजन पहले के मुकाबले काफी कम होना पाया गया है।

रविवार को कलेक्ट्रेट में महानगर के न्यूटिमा अस्पताल समेत अन्य निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ की जाने वाली लूट-खसौट के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान के स्वास्थ्य की मौके पर पहुंचे सरकारी चिकित्सकों द्वारा जांच की गई है।

कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे सरधना विधानसभा सीट के सपा विधायक अतुल प्रधान के स्वास्थ्य की जांच में एमएलए का वजन 4 किलोग्राम से भी अधिक कम हुआ पाया गया है।

चिकित्सकों द्वारा उनके शरीर में कीटोन्स की मात्रा बढी हुई पाते हुए उनके उपवास की पुष्टि की गई है। आमरण अनशन पर बैठे अतुल प्रधान के उपवास को कुछ लोग फर्जी बताते हुए उनके आंदोलन को दिखावा करार देने में जुटे हुए थे।

लेकिन रविवार को सरकारी डॉक्टरों की टीम की जांच रिपोर्ट में उनका वजन कम होने और शरीर में केटोनेस की मात्रा बड़ी हुई पाए जाने पर अब एमएलए के उपवास को फर्जी बताने वाले लोगों के मुंह पर ताला लग गया है।

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के सरधना विधानसभा सीट के विधायक अतुल प्रधान महानगर के न्यूटिमा अस्पताल समेत अन्य हॉस्पिटलों में मरीजों के साथ की जाने वाली लूट खसोट के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।

महानगर समेत प्रदेश के तकरीबन अन्य सभी निजी अस्पतालों में जांच के नाम पर एक लैब चिन्हित कर दी जाती है, जहां पर कराई गई जांच ही अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मान्य होती है।

इसके अलावा चिकित्सकों द्वारा मरीजों को लिखी जाने वाली दवाइयां पर भी बड़ा खेला करते हुए मरीज से खुली लूट खसोट होती है। क्योंकि निजी अस्पतालों में लिखी गई दवाएं केवल उन्हीं के परिसर में खुले मेडिकल स्टोर से प्राप्त हो सकती है।

अस्पताल में खुले मेडिकल स्टोर पर यह दवाइयां प्रिंट रेट पर मरीज को बेची जाती है जो दवाई की मूल कीमत से कई गुना अधिक प्रिंट होते हैं।

इसके अलावा कमरे और बेड आदि के नाम पर भी मरीज से भारी भरकम शुल्क इन निजी हॉस्पिटलों में वसूला जाता है। अस्पताल के धंधे में भारी कमाई होने की वजह से चिकित्सा व्यवसाय से कोसों दूर लोग अब एक गैंग बनाकर हॉस्पिटलों का निर्माण करते हुए उसमें प्राइवेट चिकित्सक विजिट के हिसाब से नियुक्त करते हैं।

Next Story
epmty
epmty
Top