जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं- विजय

पटना। बिहार के वित्त मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण में त्रुटियों के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि यह जातिवार जनसंख्या की सही तस्वीर पेश करती है।
चौधरी ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हाल ही में जारी जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है और यह राज्य की जातिवार जनसंख्या की सही तस्वीर पेश करती है। उन्होंने कहा कि बिना किसी आधार के ऐसे आरोप लगाने वाले लोग समाज में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जदयू नेता ने राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के हालिया बयान का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा, "एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि किसी ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण के दौरान विवरण एकत्र करने के लिए उनसे संपर्क नहीं किया था, लेकिन बाद में यह पता चला कि उनके परिवार के सदस्यों ने इस उद्देश्य के लिए नियुक्त कर्मचारियों के साथ सभी आवश्यक जानकारी साझा की थी और एक हस्ताक्षरित घोषणा भी आधिकारिक रिकॉर्ड में उपलब्ध है।" उन्होंने दावा किया कि ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया गया जो अस्तित्व में नहीं था। यदि इस तरह की अनियमितताओं का पता चले तभी आंकड़ों की सटीकता को चुनौती दी जा सकती है।
चौधरी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनकी जाति भूमिहार की जनसंख्या में कमी दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट में भूमिहारों की वास्तविक संख्या है और यह जानकर अच्छा लगा कि भूमिहारों की जनसंख्या में कमी आई है क्योंकि यह विकास का संकेत देता है।
जदयू नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई मौकों पर कहा है कि महिलाओं की शिक्षा के स्तर में वृद्धि से जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद मिली है। उन्होंने विपक्षी नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में चारों तरफ विकास दिख रहा है लेकिन कुछ नेताओं को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।