पश्चिम से अश्वनी त्यागी सहित 6 नामों पर लगी मोहर, इस बार भी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष के हाथ लगी मायूसी
मेरठ। प्रदेश में आगामी 30 जनवरी को खाली हो रही विधान परिषद की 12 सीटों के लिए सभी दलों ने अपने समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं। इन 12 सीटों में सर्वाधिक लाभ अगर किसी पार्टी को होगा तो वह है सत्तारूढ भाजपा। भाजपा के सर्वाधिक 10 प्रत्याशियों का विधान परिषद पहुंचना बिल्कुल तय है।
भाजपा ने शनिवार को फिर से 6 नामों की घोषणा कर दी हैं। इन नामों में पश्चिमी उप्र से अश्वनी त्यागी, कुंवर मानवेंद्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, अनिल विश्नोई, डा0धर्मवीर प्रजापति और सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं। यदि बात पश्चिम क्षेत्र के भाजपा दिग्गजों के नामों की करें तो इनमें दो नामों पर पार्टी विचार कर रही थी। इन दो नामों में पहला नाम पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे डा0 लक्ष्मी कांत वाजपेयी और दूसरा अश्वनी त्यागी का प्रमुखता से शामिल था। डा0 लक्ष्मी कांत वाजपेयी वैसे भी 2017 के विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद से ही अलग-थलग पडे हुए हैं।
प्रदेश की इन दस सीटों पर अपना एमएलसी बनाने के लिए भाजपा के भीतर तेजी से मंथन चल रहा था। पार्टी सूत्रों की माने तो शीर्ष नेतृत्व जहां नए चेहरों पर अपना ध्यान केंद्रित करने की बात कर रहा है। वहीं कुछ पुराने चेहरों को भी आजमाने का मन बना रहा था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दावेदारों की दौड़ से राजधानी लखनऊ तक राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ था। लखनऊ में पार्टी द्वारा कई नामों पर विचार कर तैयार की गई सूची को दिल्ली भेजा गया था। जिनमें से आखिरकार पश्चिम क्षेत्र से अश्वनी त्यागी के नाम पर अंतिम दौर में मोहर लगी।
अश्वनी त्यागी का नाम घोषित होने के बाद से पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक राजधानी मेरठ में एमएलसी को लेकर चल रही अटकलों का दौर खत्म हो गया।
बता दें कि अश्वनी त्यागी पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम क्षेत्र में भाजपा के एक मजबूत चेहरे के रूप में उभरे हैं। इसलिए ही पार्टी ने उनके ऊपर भरोसा करते हुए उन पर दांव लगाया है।